नई दिल्ली.    हाल ही में हुए एक शोध ने हमें अपने घरों में इस्तेमाल किये जा रहे यूवी उपकरणों के प्रति सावधान किया है. इस शोध से पता चला है कि ये यूवी उपकरण हमारी त्वचा के लिए हो सकते हैं काफी ज्यादा खतरनाक.


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हेनरी फोर्ड हॉस्पिटल में हुआ शोध


अमेरिका के डेट्रॉइट शहर में हुआ है यह शोध. डेट्रॉइट के हेनरी फोर्ड अस्पताल के एक शोधार्थी दल ने अपने अध्ययन से इस चौंकाने वाली जानकारी का पता लगाया है और इस संबंधित सम्पूर्ण विवरण साइंस लाइव पत्रिका में प्रकाशित भी हुआ है. इस शोध में हुए खुलासे के अनुसार हमारे घरों में आमतौर पर मौजूद यूवी उपकरण हमारी आंखों के साथ त्वचा पर भी बेहद खतरनाक प्रभाव डालते हैं. 


घर के उपकरण नहीं कर सकते वायरस को नष्ट


वैज्ञानिकों ने जानकारी दी है कि जो यूवी किरण वाले उपकरण घर में इस्तेमाल होते हैं इनको इस्तेमाल करके कोरोना वायरस को खत्म कर पाने की संभावना बहुत कम है. इनमें कोरोना वायरस को नष्ट करने की क्षमता नहीं होती. इस वायरस को मारने हेतु ख़ास किस्म की यूवी किरणों की आवश्यकता होती है जिनको निश्चित मात्रा में इस्तेमाल करके वायरस को मारा जा सकता है और ये काम केवल प्रशिक्षित व्यक्ति ही विशेष मेडिकल उपकरणों के माध्यम से कर सकते हैं.



 


मात्र यूवीसी किरणें ही वायरस को नष्ट कर सकती है


तीन प्रकार की यूवी किरणों में से केवल यूवीसी किरणें ही वायरस को नष्ट करने की क्षमता रखती है. बाकी दोनों तरह की यूवी किरणें पृथ्वी तक नहीं आ पाती हैं उनको बीच में ही ओजोन की परत सोख लेती है. हेनरी फोर्ड अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर कहते हैं कि घरेलू उपयोग के जो यूवी उपकरण बाजार में उपलब्ध हैं उनमें यूवीसी किरणें होती ही नहीं है और अगर होती हैं तो वायरस को मारने के लिए जितना तरंग दैर्ध्य चाहिए, वे उस स्तर के तरंग दैर्ध्य पर पर नहीं होतीं.


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