इस्लामाबाद. पाकिस्तान की राजनीति में सेना की भूमिका पर सवाल खड़े होते रहते हैं और यह सिलसिला वर्तमान में भी जारी है. देश में विपक्ष अक्सर सेना के साथ सरकार की मिलीभगत के आरोप लगाता रहता है. हालिया बयान विपक्षी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दिया है. खान का कहना है कि आसिफ अली जरदारी और नवाज शरीफ अपनी पसंद का अगला आर्मी चीफ बनाना चाहते हैं. उनके इस बयान पर नवाज शरीफ के भाई और पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. 


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शहबाज शरीफ ने अपने पूर्ववर्ती इमरान खान को बड़ी संस्थाओं को बदनाम करने के लिए दिए बयानों पर फटकार लगाई है. समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान खान का नापाक एजेंडा स्पष्ट रूप से पाकिस्तान को बाधित और कमजोर करना है.


इमरान खान ने लगाए थे कई आरोप
फैसलाबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा था कि आसिफ जरदारी और नवाज शरीफ अपने सेना प्रमुख को नामित करने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं, जो एक निजी पसंद है. समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, खान ने यह भी कहा कि यदि कोई शक्तिशाली और देशभक्त जनरल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) बनता है, तो वह जरदारी और नवाज शरीफ से उनके भ्रष्टाचार के बारे में सवाल करेंगे.


रिटायर होने वाले बाजवा
मौजूदा समय में सीओएएस जनरल कमर जावेद बाजवा इस साल नवंबर में सेवानिवृत्त होने वाले हैं और प्रधानमंत्री शरीफ उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति करेंगे. सोमवार को शहबाज शरीफ ने कहा, इमरान की बड़ी संस्थाओं के लिए घिनौनी बातें हर दिन नए स्तरों को छू रही हैं. वह अब सशस्त्र बलों और उनके नेतृत्व के खिलाफ सीधे कीचड़ उछालने और आरोप लगाने में लिप्त हैं. उनका नापाक एजेंडा स्पष्ट रूप से पाकिस्तान को बाधित और कमजोर करना है.



'सिपाहियों से लेकर जनरलों तक पाकिस्तानी सेना में हर कोई देशभक्त'
पीएमएल-क्यू के प्रमुख चौधरी शुजात हुसैन ने भी इमरान खान को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सिपाहियों से लेकर जनरलों तक पाकिस्तानी सेना में हर कोई देशभक्त है और किसी को भी देशभक्ति के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने अपने बयान में कहा, राष्ट्र किसी को भी अपनी सार्वजनिक रैलियों में सेना को राजनीति में शामिल करने की अनुमति नहीं देगा.


आर्मी के चहेते रहे हैं इमरान, खराब हुए संबंध छूटी कुर्सी
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भी देश की आर्मी के चेहते नेताओं में रहे हैं. जब वो प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे थे तब भी सेना के साथ उनकी नजदीकियों की खबरें आई थीं. लेकिन धीरे-धीरे कुछ मुद्दों को लेकर इमरान के आर्मी चीफ बाजवा के साथ रिश्ते बेहद तल्ख होते चले गए. इन मुद्दों में नए ISI चीफ नदीम अहमद अंजुम की नियुक्ति को लेकर विवाद तो काफी ज्यादा बढ़ गया था.


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