8 साल का रिश्ता, 18 जुलाई को 50 साल की प्लानिंग, ऐसी है शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह की प्रेम कहानी

Captain Anshuman Singh love story: पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के सेना मेडिकल कोर के कैप्टन अंशुमन सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. आज हम एक ऐसे ही जवान के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने अपनी जान को दाव पर लगाकर अपने साथियों की रक्षा की.

ज़ी हिंदुस्तान वेब टीम Mon, 08 Jul 2024-8:39 pm,
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सियाचिन ग्लेशियर में 19 जुलाई 2023 की सुबह भारतीय सेना के कई टेंट में आग लग गई थी. इस पर काबू पाने की कोशिश में रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर कैप्टन अंशुमन सिंह शहीद हो गए थे. बता दें कि यूपी में देवरिया के रहने वाले अंशुमन सिंह की हादसे से 5 महीने पहले यानी 10 फरवरी 2023 को शादी हुई थी.

 

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कैप्टन अंशुमन देवरिया जिले के बरडीहा दलपत गांव में रहते थे, जबकि उनकी पत्नी पठानकोट की रहने वाली हैं. दोनों की पहली मुलाकात कॉलेज के दौरान हुई थी. अवॉर्ड सेरेमनी के बाद स्मृति अपनी और  अंशुमन की लव स्टोरी के बारे में बताया था. 

 

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स्मृति ने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज के पहले दिन उनकी मुलाकात अंशुमन से हुई थी. उनको पहली नजर में ही प्यार हो गया था. उन्होंने कहा, 'एक महीना ही बीता था कि उनका चयन आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) में हो गया. वह सुपर इंटेलिजेंट शख्स थे. हम सिर्फ एक महीना ही सामने से मिले थे. फिर आठ साल तक दूरी रही, लेकिन रिश्ता बना रहा.'

 

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'इसके बाद सोचा कि अब शादी कर लेनी चाहिए. इसलिए फरवरी 2023 में शादी कर ली. दुर्भाग्य से शादी के दो महीने बाद ही उनकी सियाचिन में पोस्टिंग हो गई. 18 जुलाई 2023 को हमारी लंबी बातचीत हुई थी कि अगले 50 साल में हमारी जिंदगी कैसी होगी. अपना घर होगा. हमारे बच्चे होंगे, ...और भी बहुत कुछ. 19 जुलाई की सुबह मैं एक फोन कॉल से उठी. उधर से आवाज आई...कैप्टन अंशुमन सिंह शहीद हो गए.'

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बता दें कि पढ़ाई के बाद अंशुमन का चयन आर्मड फोर्स मेडिकल कॉलेज पुणे में हो गया था. वहां से MBBS करने के बाद कैप्टन सेना की मेडिकल कोर में शामिल हुए. वहीं बात करें पत्नी स्मृति की तो वह पेशे से इंजीनियर हैं और उनके माता-पिता स्कूल में प्रिंसिपल हैं. 

 

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