PMO और केंद्रीय मंत्रियों की सैलरी पर कितना पैसा खर्च करेगी सरकार? बजट में साफ हुई तस्वीर

Budget for PMO: भारत का बजट 2024-25 के लिए जारी हो गया है. वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण ने यह बीते दिन संसद में पेश किया. बजट के दौरान मंत्रियों की सैलरी व अन्य विभागों के लिए भी बजट जारी किया गया है.

नितिन अरोड़ा Wed, 24 Jul 2024-2:33 pm,
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2024-25 के केंद्रीय बजट में मंत्रिपरिषद, कैबिनेट सचिवालय और प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा किए जाने वाले खर्चों और राज्य के मेहमानों के आतिथ्य और मनोरंजन के लिए 1,248.91 रुपये आवंटित किए गए हैं. आवंटित राशि 2023-24 में निर्धारित 1,803.01 करोड़ रुपये से काफी कम है. मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए इसका ऐलान किया गया.

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मंत्रिपरिषद के खर्चों के लिए कुल 828.36 करोड़ रुपये दिए गए हैं. 2023-24 में यह 1,289.28 करोड़ रुपये था. यह आवंटन कैबिनेट मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और पूर्व प्रधानमंत्रियों के वेतन, आतिथ्य और अन्य भत्तों और यात्रा पर खर्च के लिए है. इसमें VVIPs के लिए स्पेशल एक्स्ट्रा सेशन उड़ान संचालन भी शामिल है.

 

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राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय को 202.10 करोड़ रुपए दिए गए हैं. 2023-24 में यह 299.30 करोड़ रुपए था. यह राशि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के प्रशासनिक व्यय और अंतरिक्ष कार्यक्रम को पूरा करने के लिए है.

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प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय को कुल 72.11 करोड़ रुपए दिए गए हैं (2023-24 में 76.20 करोड़ रुपए). यह प्रावधान प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय और राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के प्रशासनिक व्यय को पूरा करने के लिए है.

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रासायनिक हथियार सम्मेलन (CWC) के प्रशासनिक खर्चों को पूरा करने के लिए कैबिनेट सचिवालय को 2023-24 में 70.28 करोड़ रुपये के मुकाबले 75.24 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. प्रशासनिक खर्चों को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को 65.30 करोड़ रुपये (2023-24 में 62.65 करोड़ रुपये) आवंटित किए गए हैं.

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बजट में आतिथ्य और मनोरंजन व्यय के लिए 4 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जो 2023-24 में आवंटित राशि के बराबर है. यह प्रावधान विदेशी राजकीय अतिथियों के सरकारी आतिथ्य और मनोरंजन, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की ओर से राष्ट्रपति भवन में आयोजित आधिकारिक मनोरंजन, राष्ट्रीय दिवसों पर स्वागत, अलंकरण और परिचय पत्र प्रस्तुत करने के समारोहों आदि पर होने वाले व्यय के लिए है.

 

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बजट में पूर्व राज्यपालों को सचिवालय सहायता के भुगतान पर व्यय के लिए 1.80 करोड़ रुपये (2023-24 में 1.30 करोड़ रुपये) आवंटित किए गए हैं.

 

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