राजनीति ही नहीं प्यार के पिच पर भी Indira Gandhi का कोई तोड़ नहीं
भारत की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की आज जयंती है. इलाहाबाद में जन्मी इंदिरा गांधी देश के सबसे बड़े राजनीति परिवार में जन्मी. वहीं राजनीति के किस्से के साथ ही इंदिरा के प्यार के किस्से भी काफी चर्चित है. जानिए इंदिरा के नेहरू से गांधी बनने की कहानी.
इलाहाबाद की बेटी इंदिरा
भारत की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) का जन्म 19 नवंबर 1917 को यूपी के इलाहाबाद में उनका जन्म हुआ था.
प्यार के आगे झूका परिवार
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और कमला नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के बचपन का नाम इंदिरा प्रियदर्शनी था. इंदिरा एकलौती थी. यहीं वजह थी कि उनके प्यार के आगे उनके परिवार को झूकना पड़ा.
ऐसे हुई इंदिरा की फिरोज से मुलाकात
वर्ष 1930 में फिरोज ने कांग्रेस के नेता के रूप में युवाओं का नेतृत्व किया. जिस दौरान उनकी मुलाकात नेहरू व कमला नेहरू से हुई और उनका नेहरू घर में आना-जाना शुरू हो गया. इस बीच फिरोज और इंदिरा (Indira Gandhi) की मुलाकात हुई.
नेहरू से बनीं गांधी
फिरोज का तालुकाता गुजरात के पारसी परिवार से था. और इंदिरा (Indira Gandhi) हिंदू थी, इंदिरा ने जब अपने घर पर दोनों के प्यार की बात बताई तो उनकी मां बहुत गुस्सा हुआ तो वहीं नेहरू को यह डर सताने लगा कि कहीं हिंदू और पारसी से संबंध जोड़ने से भारतीय राजनीति में भूचाल न आ जाए.
एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा
नेहरू ने इस चीज को महात्मा गांधी से साझा किया जिसके बाद गांधी ने फिरोज को गांधी नाम दे दिया. और इंदिरा नेहरू (Indira Gandhi) से गांधी बन गईं. तमाम विरोध के बाद भी इंदिरा और फिरोज ने कभी एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा.