STUDY: बेहतर कला ही नहीं अच्छी सेहत का जरिया भी है बुनाई, अबतक नहीं जानते होंगे इसके ये बड़े फायदे

Knitting Benefits: दादी-नानी के हाथ से बुने हुए टोपी, स्वेटर, मोजे और मफलर उनके प्रेम को दर्शाती है. समय बदलने के साथ अब हम ज्यादातर बाजार में मिलने वाले कपड़े पहनते हैं. बुनने की ये परंपरा अब काफी कम देखने को मिलती है. इस परंपरा को जीवित रखना बेहद जरूरी है.

श्रुति कौल Mon, 02 Sep 2024-11:52 am,
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साल 2009 में 'ब्रिटिश कोलंबिया यीनिवर्सिटी' में बुनाई को लेकर एक रिसर्च की गई. शोध में गंभीर तरह के ईटिंग डिस्ऑर्डर नोजिया से पीड़ित 38 महिलाओं को प्रतिदिन थोड़ी देर के लिए बुनाई करने की सलाह दी गई. रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि 74 प्रतिशत महिलाओं में नियमित बुनाई करने से ईटिंग डिसऑर्डर ठीक हो गया था. इसके अलावा महिलाओं में तनाव और चिंता जैसी समस्याएं भी काफी हद तक दूर होती देखी गईं. 

 

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हाथों की मांसपेशियां: गठिया की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए बुनाई करना अच्छी एक्सरसाइज है.  इससे हाथ और उंगलियों में लचीलापन आता है और हाथों की मसल्स भी टोंड रहती हैं, जिससे जोड़ों में गतिशीलता बनी रहती है, हालांकि बुनाई को ज्यादा तेज भी न करें. इसे करते हुए बीच-बीच में थोड़ा से ब्रेक भी लें. 

 

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भूलने की समस्या: जिन लोगों को भूलने या कमजोर याद्दाश्त की समस्या है उन्हें भी बुनाई करनी चाहिए. इससे दिमाग के मोटर फंक्शन्स बेहतर होते हैं और कंसंट्रेशन पावर बढ़ती है. इससे ब्रेन भी शार्प होता है. अगर आपको ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है या एक चीज को कहीं रखकर भूल जाते हैं तो रोजाना कम से कम 20-30 मिनट बुनाई जरूर करें.  जिन लोगों को पार्किंसन की बीमारी है उनके लिए भी बुनाई करना बेहद फायदेमंद हो सकता है. 

 

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हेल्दी हार्ट: 'हार्वर्ड मेडिकल स्कूल' के माइंड एंड बॉडी इंस्टीट्यूट में बुनाई को लेकर साल 2007 में एक रिसर्च की गई थी. इस रिसर्च के मुताबिक रोजाना बुनाई करने से आपकी हृदय गति 11 बीट प्रति मिनट तक कम होती है. यानी ऐसा करने से आप काफी ज्यादा रिलैक्स फील कर सकते हैं. वहीं इससे हमारा मूड भी अच्छा रहता है.  

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माइंडलेस ईटिंग: कई लोगों को हर थोड़े-थोड़े समय में कुछ न कुछ खाने की आदत होती है. ऐसे लोग बहुत जल्दी मोटापे समेत कई भयंकर बीमारी का शिकार बन सकते हैं. इस समस्या से निपटने के लिए बुनाई एक बेहतर ऑप्शन है. बता दें कि बुनाई करने से हमारा ध्यान इसी में काफी देर तक लगा रहता है, जिससे हम फालतू चटर-पटर खाने से बच सकते हैं.  

 

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Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी स्टडी पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.

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