50 की उम्र में भी हट सकता है नजर का चश्मा! खाएं ये 10 चीजें
आजकल के समय में अधिकतर लोग अपना अधिक समय फोन पर बिताते हैं. वेब सीरीज से लेकर सोशल मीडिया पर लोग लगभग रोजाना 4 से 5 घंटे का समय बिताते हैं. लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आंखों पर असर पड़ता है. आइए जानते हैं आंखों की देखभाल के लिए बेस्ट फूड्स.
ड्राई आंखों की समस्या
लंबे समय तक स्क्रीन देखने की वजह से यंग लोगों में ड्राई आंखों की समस्या देखने को मिल रही हैं. इस समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, अगर आपको स्क्रीन देखते समय हल्का दर्द, या जलन महसूस होता है तुरंत डॉक्टर के पास जाए. स्क्रीन टाइम कम करें, कम से कम फोन का इस्तेमाल करें. इसके अलावा हेल्दी डाइट का सेवन करें.
बादाम
बादाम में विटामिन ए और ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है. बादाम का सेवन करना आंखों के लिए बेहद फायदेमंद होता है. बादाम को आप सुबह खाली पेट सेवन कर सकते हैं. रोजाना 10 से 15 बादाम खाना सेहत के लिए बेहद अच्छा होता है.
मछली
मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता जो कि आंखों की रोशनी के लिए बेहद मददगार है.
मूंगफली
मूंगफली में विटामिन ए पाया जाता है. मूंगफली का सेवन करने से आंखों की रोशनी ठीक हो सकती है.
खट्टे फल
खट्टे फल में विटामिन सी और विटामिन ए पाया जाता है. खट्टे फल का सेवन करने से आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मददगार हो सकता है.
बींस
बींस में बायो फ्लेवोनॉयड और जिंक पाया जाता है जो कि आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद होता है. बींस को आप सब्जी और सलाद दोनों तरह से खा सकते हैं.
गाजर
गाजर रेटिनल हेल्थ सुधार के लिए काफी मददगार हो सकता है. गाजर का सेवन करने से आंखों की रोशनी बनी रहती है. गाजर को आप सलाद और जूस के रूप में खा सकते हैं.
शकरकंद
शकरकंद में बीटा कैरोटीन पाया जाता है जो कि आंखों की ड्राइनेस की समस्या कम हो सकती है. शकरकंद को आप उबाल कर लंच के समय खा सकते हैं.
भिंडी
भिंडी में विटामिन ए पाया जाता है जो कि आंखों की रोशनी को बढ़ाने का काम करता है. भिंडी को आप सब्जी बनाकर खा सकते हैं.
पालक
आंखों की हेल्थ के लिए पालक और केल बेहद फायदेमंद होता है. पालक को आप डाइट में कई तरह से सेवन कर सकते हैं. पालक को आप सलाद और सूप के रूप में सेवन कर सकते हैं.
Disclaimer
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.