UK Election 2024: क्या UK के PM सुनक ने कर दी अटल जैसी गलती?
Atal and Sunak: ब्रिटेन में 4 जुलाई को आम चुनाव के लिए वोट पड़ने हैं. कई सर्वे हैं जिनमें PM ऋषि सुनक की पार्टी की करारी हार का अनुमान लगाया जा रहा है. इसके बाद से ही माना जा रहा है कि कहीं ऋषि सुनक ने वही गलती तो नहीं कर दी जो अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी.
Election in UK
ब्रिटेन में 4 जुलाई को आम चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. इस चुनाव में ब्रिटेन के PM ऋषि सुनक की साख भी दांव पर लगी है. कंजर्वेटिव पार्टी का पूरा दारोमदार सुनक पर ही है. सुनक के पौने दो साल के कार्यकाल को देखते हुए जनता वोट करेगी. लेकिन इसी बीच ये सवाल उठ रहा है कि कहीं भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने वाही गलती तो नहीं कर दी, जो अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी.
PM Sunak announced early elections
दरअसल, ऋषि सुनक ने अक्टूबर 2022 में प्रधानमंत्री का पद संभाला था. उनका कार्यकाल जनवरी 2025 तक था. 2025 में ही आम चुनाव होने थे. लेकिन सुनक ने समय से पहले ही चुनाव कराने का फैसला कर लिया. सुनक ने कहा था कि समय आ गया है जब ब्रिटेन को अपना भविष्य चुनना है. यह तय करना होगा कि ब्रिटेन विकास चाहता है या फिर उसी स्तर पर वापस जाने का जोखिम उठाना चाह रहा है.
atal announced early elections
जैसे सुनक ने समय से पहले चुनाव कराने का फैसला किया, ठीक वैसा ही निर्णय साल 2004 में भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी किया था. अटल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ था. लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेता, रणनीतिकार और अटल के खास प्रमोद महाजन ने समय पूर्व चुनाव कराने की सलाह दी. अटल महाजन को बेटे की तरह मानते थे. महाजन भी अटल को बापजी कहते थे.
atal lose election in 2004
तब भाजपा को लगा कि अटल की लोकप्रियता चरम पर है. इसका फायदा उठाते हुए चुनाव करवा लेने चाहिए, ताकि आगामी 5 साल तक सरकार बनी रहे. देश-विदेश के कई सर्वे ऐसे थे जिनमें अटल को भारत का सबसे लोकप्रिय नेता बताया गया था. 'इंडिया शाइनिंग' के नारे के साथ अटल ने चुनावी बिगुल बजा दिया. लेकिन नतीजों ने सबको चौंकाया. अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले NDA को कम सीटें मिलीं. UPA की सरकार बनी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने.
Sunak losing in survey
जैसे अटल चुनाव हारे थे, ठीक वैसी ही संभावना सुनक के लिए जताई जा रही है. ब्रिटेन में कई सर्वे हुए, जिनमें सुनक की हार तय मानी जा रही है. द इकोनोमिस्ट के एक सर्वे में सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को महज 117 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. जबकि उनके धुर विरोधी कीर स्टार्मर की लेबर पार्टी 516 सीटें जीत सकती है. बता दें कि ब्रिटेन में 650 सीटें, बहुमत के 326 सीटों की जरूरत है. सुनक खुद अपनी सीट भी हारने की कगार पर हैं. इसलिए ये सवाल उठ रहा है कि कहीं सुनक ने भी अटल जैसी गलती तो नहीं कर दी.