Muhammad Yunus: बांग्लादेश के नए मुखिया मोहम्मद यूनुस... इनके लिए हसीना ने क्यों कहा था `गंगा में डूबा दो`?
Who is Muhammad Yunus: मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगे. राष्ट्रपति ने उन्हें अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है. यूनुस नोबेल पीस प्राइज जीत चुके हैं. उनके नाम पर प्रदर्शनकारी छात्रों को भी एतराज नहीं है.
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस होंगे. देश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर नोबेल प्राइज विजेता मोहम्मद यूनुस के नाम का ऐलान किया है. वे ही सरकार का नेतृत्व करेंगे. मोहम्मद यूनुस के नाम पर प्रदर्शनकारी छात्र संगठनों ने भी सहमति जता दी है.
कौन हैं मोहम्मद यूनुस
मोहम्मद यूनुस का बांग्लादेश बांग्लादेश के जानेमाने अर्थशास्त्री हैं. उन्होंने साल 2006 में ग्रामीण विकास बैंक की स्थापना की. इसी के लिए उन्हें साल 2006 में नोबेल पुरस्कार मिला था. फिर उन्हें 2009 में प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम मिला. इसके अगले ही साल 2010 में कांग्रेसनल गोल्ड मेडल से भी सम्मानित हुए. यूनुस ने वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में PhD की डिग्री हासिल की है. उन्होंने साल 2007 में नागरिक शक्ति नाम से राजनीतिक दल बनाया था.
पहले भी आया था PM बनने का मौका
मोहम्मद यूनुस के पास करीब 17 साल पहले भी 2007 में भी सरकार चलाने का मौक़ा आया था. लेकिन तब उन्होंने इससे इनकार कर दिया था. तब पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और खालिदा जिया, दोनों पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लगे और दोनों जेल में थीं. इसलिए सेना मोहम्मद यूनुस को कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाना चाहती थी, लेकिन यूनुस इसके लिए राजी नहीं हुए.
हसीना से हुई सियासी अदावत
शेख हसीना और मोहम्मद यूनुस में भले आज सियासी दुश्मनी हो. लेकिन एक समय ऐसा था जब खुद हसीना ने यूनुस को दुनिया से गरीबी मिटाने वाला शख्स बताया था. यूनुस भी शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति मुजीबुर रहमान के प्रशंसक हुआ करते थे. लेकिन फिर जैसे ही यूनुस ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया, तो हसीना ने उन पर जुबानी हमले शुरू कर दिए. दोनों के बीच सियासी अदावत शुरू हो गई. हाल ही में यूनुस पर 100 से अधिक केस दर्ज हुए. उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में 6 महीने जेल की सजा भी सुनाई गई.
जब शेख हसीना ने कहा- यूनुस को गंगा में डूबो देना चाहिए
शेख हसीना ने यूनुस को विदेशी ताकतों की कठपुतली कहना शुरू कर दिया. साल 2012 में बांग्लादेश की सरकार पद्मा (गंगा) नदी पर ब्रिज बनाने के लिए वर्ल्ड बैंक से चंदा चाह रही थी. लेकिन वर्ल्ड बैंक ने चंदा नहीं दिया. हसीना ने आरोप लगाया कि यूनुस ने वर्ल्ड बैंक को गुमराह किया है. लेकिन 10 साल बाद ये पुल बना गया. फिर अवामी लीग की एक मीटिंग में प्रधानमंत्री रहते हुए शेख हसीना ने कहा 'यूनुस को पद्मा (गंगा) नदी में डुबा देना चाहिए, जब सांस टूटने लगे तब उन्हें उस ब्रिज पर खींच लेना चाहिए ताकि उनको सबक मिल सके.'