कौन हैं प्रीतम मुंडे, जिनको मिल सकती है मंत्रिमंडल में जगह?
पिछले 2-3 हफ्तों से केंद्र से लेकर प्रदेशों तक की सियासत में खलबली मची है. वजह है कि पीएम मोदी अपने मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल कर उसका विस्तार करने जा रहे हैं और पिछले कई दिनों से जारी रस्सा-कसी बुधवार यानी आज अंजाम तक पहुच सकती है. इस नई कैबिनेट में कौन वजीर रहेगा और कौन नया शामिल होगा, इन सारी संभावनाओं-आशंकाओं के बीच एक नाम भी दौड़ में शामिल है. नाम है प्रीतम गोपीनाथ मुंडे. जानिए, आखिर कौन हैं प्रीतम मुंडे?
पहला सवाल, कौन हैं प्रीतम मुंडे?
प्रीतम मुंडे बीड लोकसभा सीट से सांसद हैं. 2014 में मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री पद की शपथ लेने के 9 दिन बाद ही गोपीनाथ मुंडे की एक्सीडेंट में मौत हो गई. इसके बाद बीड लोक सभा सीट पर उपचुनाव हुए. इस सीट पर गोपीनाथ मुंडे की बेटी प्रीतम मुंडे ने चुनाव लड़ा और 9,22,416 वोट मिले. उन्होंने एनसीपी के सुरेश रामचंद्र को 6,96,321 वोटों से हराया. सुरेश रामचंद्र को 4,99,541 वोट मिले. तीसरे स्थान पर बीएसपी के दिगंबर रामराव राठौर रहे जिन्हें 14,166 वोट मिले थे.
दूसरा सवाल, राजनीति की कौन सी विरासत
प्रीतम मुंडे के हिस्से में भी गोपीनाथ मुंडे की राजनीतिक विरासत आई है. गोपीनाथ मुंडे एक लोकनेता थे और महाराष्ट्र से लेकर केंद्र तक उनकी अलग साख थी. महाराष्ट्र में बीजेपी की जमीन मुंडे की ही बनाई हुई है. इन्हीं गोपीनाथ मुंडे की राजनीतिक वारिस के तौर पर उनकी दोनों बेटियां पंकजा और प्रीतम देखी जाती हैं. प्रीतम युवा चेहरा हैं, लोगों में उनकी पहुंच भी है. भाजपा इस बात को ओबीसी समाज के लिए महाराष्ट्र में भुना सकती है.
तीसरा सवाल, उन्हें क्यों मिल सकती है मंत्रिमंडल में जगह?
महाराष्ट्र में ओबीसी समाज भाजपा से छिटकता नजर आ रहा है. राजनीतिक पंडित बताते हैं कि ओबीसी समाज ने विधानसभा चुनाव के बाद से ही भाजपा से दूरी बनाने लगा है. ऐसे में NCP ने समय की नजाकत को ठीक समझा. लेकिन भाजपा भी वक्त रहते इस मौके को भुना लेना चाहती है. ऐसे में प्रीतम मुंडे में भाजपा को एक बड़ा भरोसा नजर आ सकता है. लिहाजा, प्रीतम मुंडे को बीजेपी केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है.
चौथा सवाल, क्या हैं प्रीतम की खूबियां
प्रीतम मुंडे सबसे पहले तो शिक्षित महिला वर्ग की प्रतिनिधि के तौर पर देखी जाती हैं. वह खुद उच्च शिक्षित नेता और पेशे से डॉक्टर हैं. राज्य में सबसे ज्यादा वोटों से लोकसभा का चुनाव जीतने का खिताब भी प्रीतम मुंडे के पास ही है. महाराष्ट्र से जितने भी नेताओं को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है उनमें से एक भी महिला नहीं है. ऐसे में अगर प्रीतम मुंडे को अगर मंत्री बनाया जाता है तो मोदी कैबिनेट में महाराष्ट्र की तरफ से वे पहली महिला होंगी. यह पीएम मोदी के महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने के विजन को भी साकार करेगा.
पांचवां सवाल, क्या पंकजा से नजदीकी फिर हो सकेगी?
सुगबुगाहट है कि बीते कुछ समय से पंकजा और भाजपा में नाराजगी चल रही है. पंकजा मुंडे राज्य की राजनीति में भी हाशिए पर हैं. अभी पंकजा मुंडे पार्टी की राष्ट्रीय सचिव है और मध्य प्रदेश की प्रभारी भी हैं. पंऐसे में अगर प्रीतम को मंत्री पद मिलता है तो पंकजा की भी नाराजगी दूर हो सकती है. हाल ही में मराठा नेता विनायक मेटे ने उन पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि फिलहाल पंकजा के पास कोई काम नहीं है. प्रीतम क्या इस खींचतान पर लगाम लगा पाएंगी वक्त ही बताएगा.