डिप्टी CM की कुर्सी नहीं मिली, तो सुशील मोदी ने ये कहकर बढ़ाई गर्मी
बिहार का डिप्टी सीएम कौन होगा? इस सवाल का जवाब मिल गया है. सुशील मोदी को अब इस पद से मुक्त कर दिया गया है. लेकिन इस बीच सुशील कुमार मोदी ने इशारों-इशारों में अपनी नाराजगी भी जाहिर कर दी है और राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ा दी..
पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव के नतीजों में भले ही NDA को पूर्ण बहुमत मिल गया है, अबतक ये माना जा रहा था कि नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी दोनों की जोड़ी ही एक बार फिर बिहार सरकार में साथ-साथ काम करेगी. लेकिन अब ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि नीतीश कुमार तो CM होंगे, लेकिन सुशील मोदी डिप्टी सीएम नहीं होंगे.
नीतीश सरकार में कौन बनेगा डिप्टी सीएम?
बिहार में बतौर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार की शाम साढ़े 4 बजे 7वीं बार पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे. लेकिन बिहार में इस बार दो डिप्टी सीएम का पद होगा, तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी दोनों ही बिहार के उपमुख्यमंत्री होंगे.
इस बार उनके साथ सरकार में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी नहीं होंगे. बिहार का अगला डिप्टी सीएम कौन होगा? इस सवाल का जवाब मिल चुका है, लेकिन सुशील मोदी ने भी ये इशारा कर दिया है कि उन्हें इस बार डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी नहीं मिली और वो काफी नाराज हैं.
सुशील मोदी ने बढ़ा दी राजनीतिक सरगर्मी
सुशील कुमार मोदी ने अपने ट्वीट के जरिए राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि "भाजपा एवं संघ परिवार ने मुझे ४० वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया की शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा. आगे भी जो ज़िम्मेवारी मिलेगी उसका निर्वहन करूँगा. कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता."
मतलब साफ है कि सुशील कुमार मोदी थोड़े नाराज हैं. तभी तो वो छीनने और पाने की बात कर रहे हैं. उनकी ये नाराजगी डिप्टी सीएम की कुर्सी को लेकर है. कहा जा रहा था कि NDA के उपनेता के तौर पर सुशील कुमार मोदी के नाम पर ही मुहर लगा है. लेकिन थोड़ी देर बाद ही ये साफ हो गया कि उन्हें इस बार बिहार का डिप्टी सीएम नहीं बनाया जाएगा. ऐसे में उन्हें ये लगने लगा कि उनको बिहार की राजनीति से साइड करने की तैयारी की जा रही है.
सुशील मोदी को साइडलाइन करने की वजह?
मतलब ये कि सुशील मोदी के नाम को लेकर असमंजस बन गई. इसका कारण क्या है? उसे समझना भी जरूरी है. बिहार में भाजपा का बड़ा चेहरा कोई नहीं है. यही वजह है कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के पास बिहार में अपना कोई सीएम पद का उम्मीदवार नहीं था. इतने सालों से सुशील कुमार मोदी के रहते हुए बिहार में कोई बड़ा चेहरा नहीं बन पाया. सुशील मोदी को भी नीतीश के उपर नहीं बैठाया जा सकता है.
ऐसे में भाजपा को इस वक्त बिहार में एक ऐसे चेहरे का निर्माण करना है, जो आने वाले वक्त में नीतीश कुमार की जगह ले सके. क्योंकि नीतीश कुमार ने ये ऐलान कर दिया है कि ये उनका आखिरी चुनाव था. भाजपा के पास बिहार में पांव पसारने का इससे अच्छा समय नहीं हो सकता है. माना जा रहा है कि सुशील मोदी को बिहार से हटा कर पूरी तरह दिल्ली बुलाया जा सकता है. बिहार में जिन दो लोगों को उपमुख्यमंत्री बनाया जा रहा है उनको सुशील मोदी ने पहले ही बधाई दे दी.
सुशील मोदी ने दो अन्य ट्वीट भी किया. उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा कि "नोनिया समाज से आने वाली बेतिया से चौथी बार विधायक श्रीमति रेणु देवी के भाजपा विधान मण्डल दल के उप नेता सर्वसम्मति से चुने जाने पर हार्दिक बधाई!" जबकि तीसरे ट्वीट में सुशील मोदी ने लिखा कि "तारकिशोरजी को भाजपा विधानमंडल का नेता सर्वसम्मति से चुने जाने पर कोटिशः बधाई!"
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