नई दिल्ली: जब से राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की लोकसभा चुनाव में दोबारा हार हुई है तब से कांग्रेस में हाहाकार मचा हुआ है. कई लोगों का कहना है नेतृत्वकर्ता के रूप में राहुल सबसे नाकाम कांग्रेस अध्यक्ष साबित हुए हैं. उनके नाकाम नेतृत्व में कांग्रेस के भीतर आपसी फूट बढ़ती जा रहा है.


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कुछ दिन पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन थाम लिया है. अब अभिषेक मनु सिंघवी भी  कांग्रेस में बेचैन हो रहे हैं और दूसरा ठिकाना खोज रहे हैं. ऐसी चर्चाएं तेज हैं.


सिंघवी ने अटकलों को किया खारिज


उल्लेखनीय है कि सिंघवी से यह पूछा गया कि क्या वह बीजेपी में शामिल होने वाले हैं तब उन्होंने इसे गॉसिप बताया. उन्होंने कहा, 'गॉसिप डेविल चीज होती है. मैं इसमें नहीं पड़ना चाहता हूं. इस प्रकार की अटकलों का जवाब देना अपने आप में एक उलझने की बात है. उन्होंने कहा कि  एक ट्वीट है जिसे लोग बार-बार चला रहे हैं. मैंने और मेरी पार्टी ने इस बारे में अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.


कांग्रेस को खुश करने के लिए कर रहे केंद्र की दिखावटी आलोचना


आपको बता दें कि अभिषेक मनु सिंघवी अपने कांग्रेस प्रेम को दिखाने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे हैं ताकि लोगों को लगे कि वे वाकई कांग्रेस के प्रति समर्पित है. सिंघवी ने लॉकडाउन पर कहा कि इससे कोरोना वायरस का खात्मा नहीं होने वाला है. इससे देश को हर रोज 40 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि देश में अर्थव्यवस्था पर बड़ा संकट है.


कई मुद्दों पर कांग्रेस से खफा


आपको बता दें कि अभिषेक मनु सिंघवी देश के जाने माने वकीलों में शामिल हैं. उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून का भी समर्थन किया था और 370 पर भी कांग्रेस के रुख के वे खिलाफ थे. हालांकि अपने आपको बचाने के लिए सिंघवी केंद्र सरकार को भी निशाने पर रखते रहते हैं.


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उन्होंने कहा था कि छोटे और मझोले उद्योगों के लिए केंद्र के राहत पैकेज में देरी पर सिंघवी ने हमला बोला. सिंघवी ने पूछा कि आखिर कब तक इंतजार किया जाए. देश आज की बात करता है, आपातकाल में भविष्य की बात नहीं होती है.