कोलकाता: कोरोना वायरस के वीभत्स रूप से बचने के लिए दिन रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी निष्ठा और समर्पण से जुटे हुए हैं. भारत में संक्रमण की रफ्तार सभी को चिंतित कर रही है. संतोष की बात ये जरूर है कि देश में मरीजों के मरने की दर सबसे कम है. देश में जहां जहां कोरोना वायरस सबसे अधिक कहर बरपा रहा है उनमें पश्चिम बंगाल में मृत्यु दर सबसे अधिक है. राज्यपाल भी ममता बनर्जी की सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि बंगाल में कोरोना के सही आंकड़े छिपाए जा रहे हैं.
बंगाल में मृत्यु दर सबसे अधिक
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, बंगाल मृत्यु दर में सबसे तेजी से बढ़ रहा है. गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ साझा किए गए बंगाल के आंकड़ों के अनुसार, बंगाल में मृत्यु दर अभी 10 फीसदी पर पहुंच चुकी है. बंगाल के बाद 6 फीसदी मृत्यु दर के साथ मध्य प्रदेश और गुजरात का स्थान है. इन दोनों ही राज्यों में लॉकडाउन के सेकंड फेज की घोषणा के बाद से मृत्यु दर में तेजी आने लगी थी.
बंगाल सरकार छिपा रही है आंकड़े
पश्चिम बंगाल सरकार पर विपक्ष कोरोना के आंकड़े छिपाने के आरोप लगा रहा है. केंद्र सरकार के द्वारा लगाए गए लॉकडाउन का पालन बंगाल में नहीं कराया जा रहा है. केंद्र सरकार और बंगाल सरकार के बीच मामला तब और अधिक बढ़ गया, जब केंद्र ने बंगाल में कोरोना वायरस की जमीनी सच्चाई जानने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति भेजने का निर्णय लिया था.
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राज्य ने इसे 'स्टेट सब्जेक्ट' में केंद्र का हस्तक्षेप बताते हुए केंद्र के इस निर्णय का तीव्र विरोध किया. ममता बनर्जी हर विषय को सियासत और वोट बैंक से जोड़कर देखती हैं जिसकी वजह से कोरोना पर वे ध्यान नहीं दे रही हैं.
सामाजिक दूरी का पालन नहीं
केंद्र सरकार का कहना है कि पश्चिम बंगाल जानबूझकर अपने यहां कम आंकड़े दिखा रहा है. इसके अलावा बंगाल में अपेक्षाकृत कम टेस्टिंग की गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया बताया कि टेस्टिंग संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है. बता दें कि जैसे ही पश्चिम बंगाल ने अपने आंकड़े गिनाए, राष्ट्रीय मामलों में वृद्धि हो गई है. अभी भी मृत्यु दर की सही जांच होना बाकी है. गृह मंत्रालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पुलिस लोगों पर सख्ती नहीं कर रही है. सामाजिक दूरी का भी पालन नहीं किया जा रहा है.