नई दिल्ली: भारतीय राजनीति में कांग्रेस को सबसे पुराना राजनीतिक दल माना जाता है. जवाहरलाल नेहरू से लेकर राहुल और प्रियंका वाड्रा वाली कांग्रेस ने कई उतार चढ़ाव देखे और विरोध करने वाले सभी नेताओं का सियासी दमन भी किया. कांग्रेस का इतिहास गवाह है कि जब जब किसी नेता गांधी परिवार के खिलाफ आवाज उठाई तब तब उस नेता के पर कतर दिए गए.


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अब रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह को गांधी परिवार का विरोध करने की सजा भुगतनी पड़ रही है. प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए बस का इंतजाम करके प्रियंका वाड्रा सियासी लाभ लेने की कोशिश कर रही हैं. इस मुद्दे पर अदिति सिंह ने प्रियंका गांधी की जमकर आलोचना की है. गांधी परिवार की आलोचना सुनकर पूरी कांग्रेस बौखला गयी और अदिति सिंह को महिला मोर्चा के पद से हटा दिया गया.


अदिति सिंह ने प्रियंका वाड्रा की आलोचना की थी


रायबरेली से कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने ही इस पूरे मसले पर अपनी पार्टी के रुख की कड़ी आलोचना की. अदिति सिंह ने कहा है कि यह क्रूर मजाक है. अदिति सिंह ने एक ट्वीट में लिखा था कि आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत,एक हजार बसों की सूची भेजी. उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है. अगर बसें थीं तो राजस्थान,पंजाब, महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगाई.


महासचिव पद से हटाया गया


कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के रायबरेली सदर क्षेत्र की युवा विधायक अदिति सिंह ने कांग्रेस के प्रवासी कामगारों की मदद करने के लिए बसों का बेड़ा लगाने के मामले में कांग्रेस पर उंगली उठाई थी. कांग्रेस ने इसे गंभीरता से लेते हुए विधायक अदिति सिंह को पार्टी की महिला विंग के महासचिव पद से निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है.


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कांग्रेस को कई बार नीचा दिखा चुकी हैं अदिति


आपको बता दें कि जब जब कांग्रेस सियासत में कोई भी बेतुका फैसला लेती है तो अदिति सिंह उसकी फजीहत कर देती हैं. पार्टी का कहना है कि अदिति सिंह को दिसंबर महीने में महिला कांग्रेस महासचिव के पद से हटा दिया गया था. अदिति सिंह से दो बार पार्टी विरोधी गतिविधियों पर जवाब मांगा गया. जवाब नहीं मिलने पर विधानसभा अध्यक्ष से सदस्यता समाप्त करने के लिए दो बार अपील की जा चुकी है. सीएम योगी के समर्थन में वे पार्टी व्हिप का उल्लंघकर यूपी विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल हुई थीं.