कांग्रेस पर निर्मला सीतारमण का हमला, संकट में भी विपक्षी नेता कर रहे ड्रामेबाजी
जब से कोरोना का कहर देश मे व्याप्त हुआ है तब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेहनत से देशवासी गदगद हैं. ये बात विपक्षी दलों नहीं पच रही है और वे `तुच्छ` राजनीति करके पॉइंट स्कोर करना चाहते हैं.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के गरीब, वंचित, मजदूर और कामगार वर्ग को राहत देने के लिए तथा किसानों के संकट खत्म करने के लिए भारत की कुल जीडीपी के 10 फीसदी हिस्से को आर्थिक पैकेज के रूप में देने की घोषणा की है. मोदी सरकार का उद्देश्य है कि इस आर्थिक पैकेज के माध्यम से अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की जा सके और मध्यम वर्ग की समस्याओं को समाप्त किया जा सके. इन योजनाओं में कमी निकालने के लिए विपक्षी दलों के नेता सियासत करने में जुटे हैं. राहुल गांधी की बेबुनियाद सियासत पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जबरदस्त हमला किया है.
संकट के समय राजनीति न करे कांग्रेस
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोनिया गांधी से कहा कि इस संकट की घड़ी में जिम्मेदार होकर बात करें और प्रवासी मजदूरों की समस्या को हल करने में सरकार की मदद करें. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने क्यों नहीं उन राज्यों में ट्रेनें मंगवाकर प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने की तरफ पहल किया जिन राज्यों में उसकी सरकार है. कांग्रेस पार्टी को सड़कों पर बैठकर प्रवासी मजदूरों से बैठकर बात करने से अच्छा इस मसले पर अपनी राज्य सरकारों से बात करनी चाहिए.
विपक्ष के सुझाव भी मानती है सरकार
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि वे सरकार के कामों की बेवजह और बेबुनियाद आलोचना करते हैं और खुद सड़कों पर जाकर ड्रामेबाजी करते हैं. कांग्रेस पार्टी को सड़कों पर बैठकर प्रवासी मजदूरों से बैठकर बात करने से अच्छा इस मसले पर अपनी राज्य सरकारों से बात करनी चाहिए. आपको बता दें कि मजदूरों के हितैषी बनने का दिखावा राहुल गांधी कर रहे थे. राहुल गांधी कल दिल्ली में प्रवासी मजदूरों के साथ फोटो खिंचाते देखे गए थे.
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कोरोना पर सियासत ठीक नहीं
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस को आइना दिखाते हुए कहा कि जो लोग आज ड्रामेबाजी कर रहे हैं उन्हें पता होना चाहिये कि उनकी सरकारों में मजदूरों के साथ कैसा व्यवहार होता था. हम प्रवासी मजदूरों के लिए जितना कर सकते हैं कर रहे हैं. लेकिन ऐसी स्थिति में जितना भी किया जाए वो कम है. इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए कोई तू-तू, मैं-मैं नहीं होनी चाहिए.
गौरतलब है कि आर्थिक पैकेज की आखिरी किस्त में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग को 15 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं. टेस्टिंग और लैब किट के लिए 550 करोड़ रुपये दिए गए हैं. कोरोना से जंग में लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 50 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा की घोषणा की गई है.