अपनी ही पार्टी के निशाने पर हैं कांग्रेस के वरिष्ठ, गुलाम नबी को `आजाद` करने की मांग
उत्तर प्रदेश कांग्रेस नेता और पूर्व विधान परिषद सदस्य नसीब पठान ने शुक्रवार को वरिष्ठ पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद को पार्टी से बाहर निकाल देने की मांग की. उन्होंने कहा गुलाम को पार्टी से आजाद कर दो.
नई दिल्लीः कोरोना काल में कांग्रेस में का कलह काल चल रहा है. पार्टी की स्थिति ऐसी है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए शुरू हुई उधेड़बुन पार्टी के सदस्यों को उधेड़ने में लग गई है. कांग्रेस अंदर ही अंदर वरिष्ठ नेताओं और युवा नेताओं के बीच बंट गई है. ऐसे में कभी शशि थरूर अपनी ही पार्टी के निशाने पर आ जाते हैं तो अब गुलाम नबी आजाद को लेकर विरोधी सुर ऊंचे होने लगे हैं.
कांग्रेस में हो रही है गुलाम को आजाद करने की बात
जानकारी के मुताबिक, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद कांग्रेस में प्रमुख पदों की नियुक्ति के लिए चुनाव चाहते हैं. इसके पहले हुए चिट्ठी लिखने के मसले पर भी शशि थरूर को घेरा जा चुका है. अब पूर्व सीएम रहे गुलाम नबी आजाद को निशाने पर लिया गया है.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस नेता और पूर्व विधान परिषद सदस्य नसीब पठान ने शुक्रवार को वरिष्ठ पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद को पार्टी से बाहर निकाल देने की मांग की. उन्होंने कहा गुलाम को पार्टी से आजाद कर दो. नसीब ने कहा कि पार्टी ने आजाद को बहुत कुछ दिया किंतु उन्होंने वफादारी नहीं की.
संगठन में व्यापक बदलाव और पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग को लेकर सोनिया को पत्र लिखने वाले नेताओं में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष आजाद भी शामिल थे.
पद जाने से डर रहे हैं लोग
पत्र लिखने को लेकर हो रहे विरोध पर गुलाम नबी आजाद ने भी अपना दुख जाहिर किया था. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी को कोई चुनी हुई इकाई लीड करती है तो ही उसकी स्थिति बेहतर होगी, 'नहीं तो कांग्रेस अगले 50 साल तक विपक्ष में बैठती रहेगी.
उन्होंने कहा कि जो लोग चुनाव का विरोध कर रहे हैं, वे अपना पद जाने से डर रहे हैं. आजाद ने यहां तक कहा कि चुनाव होना चाहिए क्योंकि नियुक्त किए गए कांग्रेस अध्यक्ष के पास शायद एक प्रतिशत सपोर्ट भी न हो.
मेरी कोई निजी महत्वकांक्षा नहींः आजाद
आजाद यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि शायद हमें 10-15 साल पहले ही ऐसा कर देना चाहिए था. अब हम एक के बाद एक चुनाव हार रहे हैं और अगर हमें वापसी करनी है तो चुनाव करवा कर पार्टी को मजबूत करना होगा.
आजाद ने कहा कि उनकी कोई निजी महत्वाकांक्षा नहीं है. उन्होंने कहा, "मैं एक बार सीएम रहा हूं, केंद्रीय मंत्री रहा हूं, पार्टी में सीडब्ल्यूसी सदस्य और महासचिव रहा हूं. मैं अपने लिए कुछ नहीं चाहता.
शशि थरूर भी हैं निशाने पर
इसी सिलसिले में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शशि थरूर भी विरोध झेल रहे हैं. पत्र लिखने वालों में वह भी शामिल थे. थरूर पर निशाना साधते हुए लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक कोडिकुनिल सुरेश ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी में सभी को उसकी नीतियों और कार्यक्रमों के अनुसार चलना चाहिए.
मावेलीकारा से लोकसभा सदस्य सुरेश ने कहा, ‘‘शशि थरूर निश्चित रूप से नेता नहीं हैं. वह 'अतिथि कलाकार' के तौर पर कांग्रेस में आए थे.
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