क्या महाराष्ट्र में सब ठीक है? आखिर CM ठाकरे से क्यों मिले पवार और थोरात
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया (NCP) शरद पवार (Sharad Pawar) ने रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. इसके बाद एक बार फिर चर्चा निकल पड़ी कि क्या महाराष्ट्र में सब ठीक है.
मुंबईः सबसे हल्की सीएम कुर्सियों का इतिहास अगर लिखा जाएगा तो महाराष्ट्र की सीएम कुर्सी का विवरण सबसे पहले दिया जाएगा. राज्यों की विधानसभा में महाराष्ट्र विधानसभा सबसे अधिक स्थिर और संवेदनशील रही है, जिसके चले जाने का डर हमेशा रहता है. किसी भी सियासी प्रकरण से ही यह डगमगाने लगती है और खतरा महसूस करने लगती है.
क्या महाराष्ट्र में है कुछ गड़बड़?
मौजूदा सीएम उद्धव ठाकरे तो वैसे भी तीन पायों वाली कुर्सी पर बैठे हैं. इसलिए चुनाव हुए साल होने को आया है, लेकिन कुर्सी अब तक स्थिर नहीं हुई है. अंदरखाने से जो आवाजें
निकल कर आ रही हैं, वह कह रही हैं कि कुछ तो गड़बड़ है भि़डु़, लेकिन शिवसेना बाहर यही कह रही है ALL iS Well.
NCP-कांग्रेस ने CM ठाकरे से की मुलाकात
रविवार शाम बीतने को थी कि एक बार फिर सियासी गली में चर्चा चल निकली कि महाराष्ट्र में कुछ हो रहा है. खबर थी कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया (NCP) शरद पवार (Sharad Pawar) ने रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की.
मुलाकात क्यों कि यह सामने नहीं आया है, लेकिन कहने वाले कह रहे हैं कि दोनों ही नेताओं ने UNLOCk Process को लेकर बात की है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बाला साहेब थोरात भी मुलाकात करने पहुंचे थे.
24 घंटों में दो अलग-अलग मुलाकातें, माजरा क्या?
ठीक है, मान लेते हैं ऐसा ही रहा होगा, दोनों नेता गठबंधन की सरकार चला रहे हैं. शिष्टाचार भेंट कर लेते होंगे. मिलना इतनी बड़ी बात नहीं है, लेकिन दोनों नेताओं ने उस माहौल में बात की है, जब महज 24 घंटे पहले ही शिवसेना नेता संजय राउत और भाजपा नेता पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस एक होटल में गुपचुप मुलाकात कर चुके हैं.
ऐसे में ही तमाम तरह की बातें उठना लाजिमी हैं. शरद पवार, उद्धव ठाकरे से मिलने उनके घर पहुंचे थे और यहां दोनों नेताओं में करीब 40 मिनट बातचीत हुई है. ऐसे में 24 घंटों की भीतर हुई इस शिष्टाचार भेंट का क्या तात्पर्य है, अभी नहीं पता, लेकिन भविष्य में सीएम कुर्सी का एक भी पाया टूटता है तो उसकी वजह इस घटना में देखी जा सकती है.
भाजपा ने कहा- सरकार गिराने की इच्छा नहीं
शनिवार को जब संजय राउत और फडणवीस की मुलाकात हुई थी, इसके बाद मीडिया में चर्चा उठने के कारण दोनों ओर से जवाब आए थे. भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि शिवसेना से हाथ मिलाने की भाजपा की इच्छा नहीं है.
उन्होंने कहा कि वे उद्धव ठाकरे सरकार को नहीं गिराना चाहते हैं. वहीं, संजय राउत ने इस मुलाकात पर सफाई में कहा था कि फडणवीस से उनके वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उनसे दुश्मनी नहीं है.
राउत बोले- हम दुश्मन थोड़े ही हैं
भाजपा की ओर से बताया गया था कि संजय राउत सामना के लिए देवेंद्र फडणवीस का इंटरव्यू करना चाहते हैं. राउत ने कहा, 'मैं कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए शनिवार देवेंद्र फडणवीस से मिला था. वह पूर्व सीएम हैं.
इसके अलावा वह महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता हैं और बीजेपी के बिहार चुनाव प्रभारी भी हैं.' उन्होंने कहा कि हमारे बीच वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन हम दुश्मन नहीं हैं. सीएम उद्धव को इस बैठक के बारे में पता था.
कांग्रेस मे ठाकरे को याद दिलाया गठबंधन धर्म
खैर, ये तो रही दोनों की ओर बातें, लेकिन NCP और कांग्रेस के लिए डरना तो जरूरी है. जानकारी के मुताबिक, शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) और पूर्व सीएम देवेंद्र फड़नवीस (Ex CM Devendra Fadnavis) की मुलाकात ने कांग्रेस और NCP को नाराज किया है.
ऐसे में शरद पवार और बाला साहेब थोरात ने सीएम ठाकरे से मुलाकात की है. कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे को गठबंधन धर्म याद दिलाया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बाला साहब थोरात ने नसीहत दी है कि तीनों पार्टी के नेताओं को ऐसी कोई हरकत नहीं करनी चाहिए जिस से महाविकास आघाडी सरकार पर असर हो या सरकार पर सवाल खड़ा हो.
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कांग्रेस ने कहा-किसान बिल के विरोध में आए शिवसेना
कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात ने ये जोर दिया कि किसान बिल का कांग्रेस विरोध कर रही है इसलिए बिल को महाराष्ट्र में लागू नही होने देना है वहीं इस मामले पर शिवसेना को खुलकर सामने आते हुए समर्थन देना चाहिए. हालांकि शिवसेना ने एक तरह से इसकी औपचारिक शुरुआत भी कर दी है. शिवसेना ने किसानों के हितों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने पर शिरोमणि अकाली दल की रविवार को सराहना की है.
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