कोलकाता: पश्चिम बंगाल में चुनाव 2021 के मध्य में होंगे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने बंगाल में पहली बार कमल खिलाने की तैयारी अभी से ही बड़ी कर ली है. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को सत्ता से बेदखल करने के लिए बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ रही है. बीजेपी राज्य में आए दिन कोई न कोई आंदोलन या कार्यक्रम कर तृणमूल सरकार को घेर रही है.


2021 में बंगाल विजय पर बीजेपी की नज़र


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भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता पहुंचे, जहां उनका ज़ोरदार स्वागत हुआ. लेकिन कोलकाता के बीजेपी दफ्तर पहुंचते ही उनका विरोध शुरू हो गया. कुछ लोगों ने बीजेपी अध्यक्ष को काले झंडे दिखाए और उनके खिलाफ 'गो बैक' के नारे लगाए.



पश्चिम बंगाल में टीएमसी से सत्ता छीनने के साथ ही बीजेपी सीएम ममता बनर्जी को उनके ही विधानसभा क्षेत्र भावनीपुर में भी शिकस्त देना चाहती है और इसीलिए जेपी नड्डा ने भवानीपुर में जनता को संबोधित किया. नड्डा ने भवानीपुर में राम मंदिर का मुद्दा उठाया और ममता सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया.


बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि "ईद पर छुट्टी दिया और 5 को राम मंदिर के शिलान्यास पर लॉकडाउन  क्यों लगाया?"


जेपी नड्डा का मिशन बंगाल


2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को भवानीपुर क्षेत्र में 3168 वोटों से पिछड़ना पड़ना था. जबकि 2016 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने इस सीट पर 25 हजार वोटों से जीत हासिल की थी, ममता ने यहां कांग्रेस की दीपा दासमुंशी को हराया था जबकि बीजेपी तीसरे नंबर पर चली गई थी. लेकिन नड्डा ने इसी क्षेत्र से शुरूआत करके ममता को सीधी चुनौती दे दी है कि वो ममता के गढ़ से ही उन्हें उखाड़ फेंकने की तैयारी में हैं. आज नड्डा के खिलाफ लहराए ये काले झंडे TMC के डर की गवाही दे रहे हैं. अपने संबोधन में नड्डा ने साफ किया कि वो बंगाल चुनाव में 200 से ज़्यादा सीटें जीतकर बहुमत हासिल करेंगे.


ममता की सत्ता को उखाड़ने का ऐलान


पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या पर भी नड्डा ने अपनी बात रखी और ममता बनर्जी को चेतावनी दी कि अब यही बीजेपी कार्यकर्ता उनकी सत्ता को उखाड़ फेंकेंगे. जेपी नड्डा ने कहा कि "बंगाल में 130 कार्यकर्ताओं ने अपनी जान दे दी, मैंने यहां 100 कार्यकर्ताओं का तर्पण खुद किया है. क्या ये वही बंगाल है जो अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता था? ये इंसानियत के भी विरुद्ध हैं और ये राजनीतिक असहिष्णुता की पराकाष्ठा है.."


 उन्होंने कहा कि "मैं बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं कि वो हिम्मत के साथ जुटे हुए हैं. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हमारा कार्यकर्ता 2021 में ममता सरकार को उखाड़ के फेकेंगे."


तृणमूल की जमीन पर कमल का फूल?


ममता बनर्जी के अलावा उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी की संसदीय सीट डायमंड हार्बर पर भी बीजेपी रणनीतिक रूप से काम कर रही है. नड्डा यहां के समीकरण को भी समझेंगे और अभिषेक बनर्जी के खिलाफ उपजे असंतोष का फायदा बीजेपी को मिलेगा.


BJP अध्यक्ष ने कहा कि "जब मैं पश्चिम बंगाल में आया हूं तो मुझे दुख भी होता है शर्मसार भी होता हूं. जो बंगाल संस्कृति, विराट हृदय, सोनार बंगाल के लिए जाना जाता था, आज वहां हिंसा, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, अपना-पराया और विकास के विरुद्ध कार्य TMC सरकार कर रही है." इसके अलावा जेपी नड्डा ने अपने संबोधन में कई बड़ी बातें की.


जेपी नड्डा की दहाड़


"भारतीय जनसंघ और भाजपा का बंगाल से विशेष संबंध है. भारतीय जनसंघ को पहले शुरू काल में जो दो राष्ट्रीय अध्यक्ष मिले हैं वो बंगाल से मिले हैं. जनसंघ की स्थापना ही स्वर्गीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की प्रेरणा से शुरू हुई थी. राजनीतिक दृष्टि से विचारों का आदान प्रदान करना ये प्रजातंत्र की खूबसूरती है. पश्चिम बंगाल तो विचारों के आदान प्रदान के लिए जाना गया है. विश्वभारती, रवीन्द्र नाथ टैगोर जी की ये जन्मभूमि है. ममता बनर्जी असहिष्णुता का दूसरा नाम है. रवीन्द्रनाथ जी ने जिस तरह से देश को दृष्टि दी वो सभी जानते हैं, लेकिन आज बंगाल में असहिष्णुता बढ़ती जा रही है."


"आज मैं यहां कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में आया हूं. मुझे खुशी है कि आज भाजपा के यहां 9 कार्यालय समर्पित हुए हैं. बंगाल में आगे चलकर भाजपा के 38 कार्यालय बनने हैं. भाजपा कार्यालय से दोनों तरफ का ग्रोथ है- हार्डवेयर और शॉफ्टवेयर. भाजपा के कार्यकर्ता भी बढ़ रहे हैं और कार्यालय भी बढ़ रहे हैं. आज जिन कार्यालयों का शिलान्यास हुआ है, वो सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगें। इनमें ई-लाइब्रेरी, इंटरनेट, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा, मीटिंग हॉल जैसी कई सुविधाएं होंगी. कार्यालय संस्कार के केंद्र हैं, भाजपा कार्यालय से चलती हैं. अन्य पार्टियां घरों से चलती हैं, यहीं उनके कार्यालय हैं. अन्य दलों के लिए परिवार ही पार्टी है, टीएमसी भी इससे अलग नहीं है, वो भी परिवार की पार्टी बन गई है. लेकिन भाजपा के लिए पार्टी ही परिवार है."


"कल राजस्थान में बीडीसी जिला परिषद के चुनाव हुए. किसानों ने एक तरफा फैसला भाजपा के पक्ष में दिया है. बंगाल में भाजपा ने एक लंबी लड़ाई लड़ी है. 9 साल पहले बंगाल में हमारा वोट प्रतिशत 4 था. 2014 में हमारी सीटें 2 हो गई और हमारा वोट प्रतिशत 18 पहुंचा. 2019 में हमारी सीटें 18 हुई और हमारा वोट प्रतिशत 40 पहुंचा. 2021 के चुनाव में भाजपा 200 सीट से विजयी होगी. बंगाल की जनता भाजपा के साथ है, मोदी जी के साथ है. बंगाल में अब अंतिम छलांग लगानी बाकी है और वो अब हम लोग आपके आशीर्वाद से 2021 में लगाएंगे और यहां ममता जी की सरकार को उखाड़ देंगे और भाजपा सरकार बनाएंगे. बंगाल में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने लॉकडाउन में बहुत मेहनत करके गरीबों की सेवा की है. गरीबों को 1 करोड़ 6 लाख फूड पैकेट भाजपा कार्यकर्ताओं ने बांटे, 30 हजार राशन किट, 31 लाख फेसकवर, 1 करोड़ लोगों को पीएम केयर फंड से जोड़ा है."


अब नड्डा इन दो दिनों में बंगाल की सियासत का मिज़ाज भांपेंगे, अपने कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएंगे और आगे की रणनीति बनाएंगे. अगले वर्ष होने वाले चुनाव में इस बार ममता दीदी की राह इतनी आसान नहीं होगी. देखना होगा कि दीदी की सत्ता बचती है या फिर नड्डा ने जो सत्ता उखाड़ फेंकने का ऐलान किया है. उसे पूरा कर पाते हैं या नहीं..


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