मुंबई: महाराष्ट्र में वर्षों पुरानी साथी भाजपा को छोड़कर वैचारिक विरोधी कांग्रेस और NCP के साथ सरकार बनाने वाली शिवसेना (Shivsena) सत्ता में आकर पूरी तरह बदल गयी है. हिंदुओं की भावनाओं और हिन्दू हितों के लिए हमेशा सबसे आगे खड़ी रहने वाली शिवसेना अब बड़े बड़े मुद्दों पर चुप्पी साधे रहती है. उद्धव ठाकरे (Udhhav Thakrey) और उनकी पार्टी शिवसेना के इस रुख पर उनके भाई राज ठाकरे बहुत नाराज हैं.


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हिन्दू हितों पर बहरी है शिवसेना सरकार


महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री और चचेरे भाई उद्धव ठाकरे को इस मसले पर पत्र लिखा है. महाराष्ट्र सरकार के मंदिरों को न खोलने के फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए राज ठाकरे ने कहा है कि क्या सरकार हिंदू भावनाओं के प्रति बहरी हो चुकी है?राज ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि सरकार सोई हुई है या अचरज में है और हिंदुओं की भावनाओं के प्रति बहरी हो चुकी है.


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चिट्ठी लिखकर उद्धव को दी चेतावनी


महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने चिट्ठी लिखकर महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को कड़ी चेतावनी दी है. राज ठाकरे ने सरकार से मंदिरों को खोलने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि अगर शिवसेना सरकार ऐसा करने में विफल रहती है तो लोग सारे प्रतिबंध भूलकर अपने भगवान के दर्शन के लिए मंदिर की ओर मार्च करेंगे.


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सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकती है शिवसेना


पिछले कई दिनों से देखा गया है शिवसेना वही स्टैंड लेती है जिससे कांग्रेस और NCP खुश रहें. शिवसेना ने CAA का समर्थन लोकसभा में किया था लेकिन राज्यसभा में उसे कांग्रेस के दबाव में बिल का विरोध करना पड़ा. इससे पता चलता है शिवसेना सत्ता बचाने के लिए किसी भी स्तर तक जा सकती है.


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आपको बता दें कि महाराष्ट्र में विपक्षी दल बीजेपी ने राज्य में धार्मिक स्थल फिर से खोलने की मांग को लेकर पिछले हफ्ते मंदिरों के बाहर प्रदर्शन किया था. राज ठाकरे ने मंदिरों को खोलने के लिए प्रोटोकॉल सेट करने की सलाह देते हुए कहा कि इन सबके बीच भक्तों को उनके भगवान से अभी भी दूर रखा जा रहा है. मंदिरों को खोलने के लिए ऐसा विरोध क्यों है.