नई दिल्लीः ताजा खबर है कि राजस्थान में अपना अलग ही प्लेन उड़ा रहे सचिन पायलट ने सोमवार को दिल्ली में लैंड किया और कांग्रेस नेता राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा से बातचीत की. सबकुछ ठीक रहा तो यह अंदेशा लगाया जा सकता है कि राजस्थान में चल रहे सियासी नाटक का यह अंतिम दृश्य होगा और पर्दा गिर जाएगा. 


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तो पायलट की वापसी की अटकलें तेज
लेकिन इस अंतिम दृश्य की स्क्रिप्ट में क्या लिखा है, इसी का इंतजार है. फिलहाल कांग्रेस के लिए इतनी राहत तो है कि पायलट पहले ही कह चुके थे कि वह भाजपा में नहीं जाएंगे,. लेकिन फिर भी 'सिंधिया' की जली पार्टी पायलट से फूंक-फूंक कर ही बात करती है. 



कुछ भी होने की आशंका तो बनी ही हुई थी, लेकिन सोमवार को यह तय रहा कि सचिन पायलट सुबह के भूले बनेंगे और शाम को लौट कर पार्टी में आएंगे. हालांकि अभी अटकलें ही हैं.


प्रियंका को भी चुनौती, क्या वह ऐसा करा ले जाएंगी
इधर, राजस्थान में कांग्रेस को दो फाड़ हो चुके गहलोत और पायलट गुट अभी भी एक-दूसरे पर गरमा-गर्मी निकाल ले रहे हैं. गहलोत गुट के विधायकों ने बागी विधायकों पर कार्रवाई की मांग की है. दूसरी ओर कांग्रेस की राजस्थान वाली कुर्सी जो इस वाकये से लगातार डोल रही थी,



कहा जा रहा है कि प्रियंका वाड्रा की एंट्री से अभी संभली है. तो यह प्रियंका को भी चुनौती है कि 14 अगस्त से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र से पहले सचिन पायलट की वापसी वह संभव करा पाती हैं या नहीं. 


पायलट ने बताया, क्यों बनना पड़ा बागी
इधर, बैठक में क्या-क्या गुफ्तगू हुई यह तो स्पष्ट सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्र कह रहे हैं कि सचिन पायलट और राहुल गांधी ने बड़ी ही तफसील से बातचीत की है. इतनी बारीकी से कि पायलट ने पूर्व अध्यक्ष को बताया है कि वह बागी नहीं बनना चाहते थे,



लेकिन हालात ही ऐसे थे कि उन्हें आवाज उठानी पड़ गई. इस बात से प्रियंका और राहुल दोनों को संतोष हुआ कि सचिन कहीं नहीं जा रहे हैं और मनुहार की जाएगी तो मान जाएगी. 



सचिन की सफाई, कांग्रेस के खिलाफ नहीं
लेकिन, ऐसी दो-चार लाइनें बोलने की बाद ही एक बार फिर सचिन पायलट की आवाज मजबूत हुई और उन्होंने सीएम गहलोत के लिए कहा कि वह अशोक गहलोत से खिलाफत कर रहे हैं, कांग्रेस के खिलाफ बिल्कुल नहीं.



पायलट ने सफाई भी पेश की कि उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है. इससे तय है कि पायलट और सचिन दोनों ने अपनी तलवारें भले ही म्यान में रख ली हों, लेकिन उनके हाथ अब भी तलवार की मूठ पर ही हैं. 


कैसे मानेंगे सीएम गहलोत, देखते हैं
अब इस मुलाकात के बाद पायलट पहले अपनी सम्मान वापसी का इंतजार कर रहे हैं और सूत्रों के मुताबिक वह सशर्त पार्टी में वापसी भी कर सकते हैं. पायलट खेमे के कई विधायकों को मनाने में कांग्रेस आला कमान सफल रहा है और अटकलें हैं कि उनके समर्थक 18 कांग्रेसी पार्टी में वापसी कर सकते हैं.



तो कुल मिलाकर कांग्रेस के लिए अगली चुनौती हैं सीएम अशोक गहलोत. देखना है कि वह किसकी और कितनी मनुहार करने पर कैसे मानेंगे. 


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