नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ देशभर में  लड़ाई लड़ी जा रही है. लेकिन विपक्ष के नेता इस संकट के समय में भी अपनी सियासी नौटंकी से बाज नहीं आ रहे हैं. सोनिया गांधी ने 17 मई तक बढ़ाये गए लॉक डाउन पर केंद्र सरकार का विरोध करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने लॉकडाउन लगाने से पहले कुछ नहीं सोचा और अब आगे बढ़ाने से पहले भी कुछ नहीं सोच रही है. सरकार लगातार मजदूरो और गरीब वर्ग की अनदेखी कर रही है. बता दें कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में उक्त बातें कहीं.


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राज्यों को केंद्र के खिलाफ उकसा रही कांग्रेस



 


कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सभी राज्य सरकारों को केंद्र सरकार का साथ देना होगा लेकिन कांग्रेस अपनी सरकारों को केंद्र के खिलाफ उकसा रही ताकि भारत की लड़ाई कमजोर हो जाये और वर्षों बाद कांग्रेस को मोदी सरकार के खिलाफ राजनीति करने के लिए कोई मुद्दा मिल जाये. ये वही कांग्रेस पार्टी है जिसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि केंद्र सरकार अमीरों के लिए सेनिटाइजर बनवा रही है.


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क्या कोरोना के खिलाफ भारत की जीत से कांग्रेस को जलन


लोग सवाल कर रहे हैं कि कांग्रेस के व्यवहार से नहीं लगता है कि उसे कोरोना के खिलाफ ऐतिहासिक लड़ाई में भारत की जीत से खुशी है. कांग्रेस लगातार कोरोना योद्धाओं का मनोबल कमजोर करने की साजिश कर रही है.


कांग्रेस सरकारें मांग रही हैं आर्थिक सहायता


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कोविड के साथ लड़ाई में बुजुर्गों, डायबिटिक और हार्ट मरीजों को बचाना अहम है. वहीं, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि राज्यों के सामने वित्तीय संकट गहराता जा रहा है, केंद्र सरकार की ओर से कोई धन आवंटित नहीं किया जा रहा है.अशोक गहलोत ने कहा, 'जब तक व्यापक प्रोत्साहन पैकेज नहीं दिया जाता, तबतक राज्य और देश कैसे चलेंगे? हमने 10 हजार करोड़ का राजस्व खो दिया है.


लॉकडाउन से भी कांग्रेस को परेशानी


आपको बता दें कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री लोकम डाउन लागू करने का विरोध कर रहे हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लॉकडाउन पर केंद्र के दृष्टिकोण की आलोचना की. उन्होंने कहा कि हमने दो समितियों का गठन किया है, एक लॉकडाउन के एग्जिट प्लान के लिए और दूसरी आर्थिक पुनरुद्धार के बारे में रणनीति बनाने के लिए. दिल्ली के लोग बैठकर बगैर जाने जोनों के वर्गीकरण का फैसला कर रहे हैं.