Ramlala Darshan: भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को धूमधाम से हो गई है. श्रद्धालुओं के लिए अयोध्या राम मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं. आज से आम भक्त प्रभु श्रीराम के दर्शन कर रहे हैं. भगवान श्रीराम के दर्शन करने के लिए रामलला मंदिर में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा है. सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु श्री राम की एक झलक पाने के लिए बेताब हैं. ऐसा अनुमान लगया जा रहा है कि प्रतिदिन करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या नगरी पहुंचेंगे. 


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सुबह से ही उमड़ी भक्तों की भारी भीड़
22 जनवरी 2024 को 500 साल पुराना इंतजार खत्म हुआ. सनातन धर्म को मानने वालों के लिए ख़ुशी का पल है. भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हर किसी की आंखों में ख़ुशी के आंसूं थे. भगवान श्रीराम की प्रतिमा को निहारने के लिए हर कोई उत्साहित है. मंगलवार सुबह से ही सैंकड़ों की संख्यां में भक्तों का हुजूम यहां पर दर्शन के लिए बेताब है. बता दें कि प्रभु श्रीराम भक्तों को पांच साल के बालक के रूप में दर्शन दे रहे हैं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर उनका खास शृंगार किया गया था, जिसे हर किसी ने देखा और वो तारीफ करते नहीं थक रहा है. 



भगवान राम का श्रृंगार 
अयोध्या राम मंदिर के गर्भ ग्रह में विराजित रामलला के बाएं हाथ में सोने का धनुष है. इनमें मोती, माणिक्य और पन्ने की लटकने लगी हुई हैं. दाहिने हाथ में सोने का बाण धारण कराया गया है. गले में रंग-बिरंगे फूलों की आकृतियों वाली वनमाला धारण करायी गयी है. इसका निर्माण हस्तशिल्प के लिए समर्पित शिल्पमंजरी संस्था ने किया है. रामलला के प्रभा-मण्डल के ऊपर स्वर्ण का छत्र लगा है. उनके मस्तक पर पारम्परिक मंगल-तिलक को हीरे और माणिक्य से रचा गया है. 


भगवान के चरणों के नीचे जो कमल सुसज्जित है, उसके नीचे एक स्वर्णमाला सजाई गई है. भगवान पांच वर्ष के बालक-रूप में श्रीरामलला विराजे हैं, इसलिए पारम्परिक ढंग से उनके सामने खेलने के लिए चांदी से निर्मित खिलौने रखे गये हैं. इनमें झुनझुना, हाथी, घोड़ा, ऊंट, खिलौनागाड़ी और लट्टू रखे गए हैं. 


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