नई दिल्ली: Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति को गर्भगृह में विराजमान कर दिया है. इसको स्थापित करने से पहले 4 घंटे तक पूजा-पाठ किया गया. इस दौरान मूर्तिकार योगीराज और साधु-संत भी मौजूद रहे. बता दें कि मूर्ति फिलहाल ढकी हुई है. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का समारोह होना है. रामलला की प्रतिमा का वजन 150 से 200 किलो के बीच है और ऊंचाई 51 इंच है.


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रामलला को कराया गया भ्रमण
इससे पहले रामलला की मूर्ति को बीते कल पालकी में बैठाकर पूरे मंदिर का भ्रमण कराया गया था. चांदी से बनी इस मूर्ति को पूरे परिसर की परिक्रमा कराई गई है. प्रतिमा को बुधवार रात को ही अयोध्या लाया गया था. गर्भगृह में स्थापित होने वाली मूर्ति 200 किलो की है. यह मूर्ति काफी भारी थी, इसलिए इसकी जगह रामलला की 10 किलो की चांदी की मूर्ति परिसर में घुमाई गई.


अविमुक्तेश्वरानंद ने जताया एतराज
इस बीच ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का बयान भी आया है. उन्होंने कहा है कि मुख्य वेदी पर रामलला विराजमान की ही प्राण प्रतिष्ठा होनी चाहिए थी. स्वयंभू प्रतिमा की जगह दूसरी प्रतिमा स्थापित नहीं की जानी चाहिए. 


22 जनवरी को होगी प्राण प्रतिष्ठा
22 जनवरी, 2024 को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होना है. तीर्थ क्षेत्र ने जानकारी देते हुए बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन किया जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न होगा. 


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