रामनामी संप्रदाय के पूर्वजों ने पहले ही बता दिया था, कब होगी राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा
दरअसल कल यानी 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में हो रही है. यह तिथि शुक्ल पक्ष एकादशी से त्रयोदशी के बीच स्थित है. रामनामी संप्रदाय के गुलाराम ने कहा, उसकी तिथि हमारे पूर्वजों ने पहले ही बता दी थी.
रायपुर. कल अयोध्या के राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के तमाम गणमान्य लोग इस कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे. इस बीच यह जानना दिलचस्प है कि छत्तीसगढ़ में रामनामी ऐसा संप्रदाय है जो अपने शरीर पर राम नाम का गोदना कराता है. इस संप्रदाय के लोगों का मानना है कि उनके पूर्वजों ने पहले ही बता दिया था कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा शुक्ल पक्ष की एकादशी से त्रयोदशी के मध्य होगी.
यहां चल रहा है रामनामी मेला
बता दें कि इस वक्त छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में रामनामी मेला चल रहा है. मेले में आए गुलाराम रामनामी ने बताया कि लगभग 150 साल पहले हमारे पूर्वजों ने बता दिया था कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा शुक्ल पक्ष एकादशी से त्रयोदशी के बीच होगी.
प्राण प्रतिष्ठा की तिथि
दरअसल कल यानी 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में हो रही है. यह तिथि शुक्ल पक्ष एकादशी से त्रयोदशी के बीच स्थित है. गुलाराम ने कहा, उसकी तिथि हमारे पूर्वजों ने पहले ही बता दी थी. हमारा मेला भी इसी तिथि में लगता है और अद्भुत संयोग है कि श्रीराम के भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा इस समय हो रही है.
गुलाराम कहते हैं कि राम सभी जाति धर्मों से परे सबके हैं राम नाम के हजारों किस्से हैं, उनमें से एक किस्सा बताते हुए मनहरण बताते हैं कि एक बार महानदी में बड़ी बाढ़ आई. इसमें कुछ रामनामी सवार थे और कुछ लोग सामान्य लोग थे. धार बहुत बढ़ गई. नाविक ने कहा कि अब राम नाम याद कर लो, सबका अंत आ गया है. फिर राम नाम का भजन गाया. बहाव कम हुआ तो सब सुरक्षित तट पर लौटे. इसी दिन से मेला भरना शुरू हुआ.
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