Ayodhya Ram Temple Rituals:  सरयू के तट पर स्थित उत्तर प्रदेश के शहर अयोध्या में राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के सात दिवसीय अनुष्ठान के दिन आज यानी मंगलवार से शुरू हो गए हैं. अनुष्ठान का समापन 22 जनवरी को एक भव्य समारोह के साथ होगा जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और इसमें हजारों VVIP मेहमान शामिल होंगे.


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राम मंदिर का निर्माण तब शुरू हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2019 में इस स्थल पर दशकों से चले आ रहे विवाद का निपटारा कर दिया, जिससे इसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया.


तैंतीस साल पहले, भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम को समर्पित मंदिर बनाने के लिए गुजरात के सोमनाथ से रथयात्रा शुरू की थी. तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष के साथ जाने वालों में नरेंद्र मोदी भी थे, जो अब प्रधानमंत्री हैं.


22 जनवरी तक क्या कुछ रहेगा खास?
अगले सात दिनों में, मुख्य समारोह की तैयारी में हिंदू परंपराओं के अनुसार विस्तृत अनुष्ठान किए जाएंगे.


16 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा नियुक्त यजमान प्रायश्चित समारोह का संचालन करेंगे. जैसा कि पहले बताया गया है, 'दशविध' स्नान सरयू नदी के तट पर होगा. प्रायश्चित्त एवं कर्मकुटी पूजन होगा.


17 जनवरी को रामलला की मूर्ति का परिसर प्रवेश होगा.


18 जनवरी को तीर्थ पूजन, जल यात्रा और गंधाधिवास की रस्में होंगी.


19 जनवरी की सुबह औषधिधिवास, केसराधिवास, घृतधिवास की रस्में होंगी. बाद में शाम को धान्यधिवास अनुष्ठान होगा.


20 जनवरी को सुबह शर्कराधिवास और फलाधिवास अनुष्ठान होग. शाम को पुष्पाधिवास होगा.


21 जनवरी को सुबह मध्याधिवास और शाम को शैयाधिवास होगा.


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