Daily Panchang 16 फरवरी 2021 आज बसंत पंचमी, जानिए तिथि और राहुकाल
आज अमृत काल: शाम को 06 बजकर 18 मिनट से रात 08 बजकर 04 मिनट तक है. सर्वार्थ सिद्धि योग आज रात 08 बजकर 57 मिनट से कल 17 फरवरी को प्रात: 06 बजकर 58 मिनट तक है. विजय मुहूर्त भी है जो दोपहर 02 बजकर 28 मिनट से दोपहर 03 बजकर 12 मिनट तक रहेगा.
नई दिल्लीः आज माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है. आज 16 फरवरी 2021 और दिन मंगलवार है. वसंत पंचमी का दिन भी आज है. आज के दिन सरस्वती पूजा होती है. इसे श्री पंचमी भी कहते हैं. मां सरस्वती को पीले वस्त्र, पीले फूल, गुलाल, खीर, मालपुआ आदि अर्पित किया जाता है.
सरस्वती पूजा के दिन कॉपी, किताब, वाद्य यंत्र आदि की भी पूजा की जाती है. आज के पंचांग में और क्या-क्या है खास, बता रहे हैं आचार्य विक्रमादित्य-
मास- माघ मास
दिन- मंगलवार
तिथि- शुक्ल पक्ष, पंचमी तिथि
आज बसंत पंचमी, श्री पंचमी, सरस्वती पूजा है. विद्यार्थियों के लिए विशेष दिन
आज का नक्षत्र- गंडमूल रेवती नक्षत्र (रात 08:56 मिनट तक, इसके बाद अश्विनी नक्षत्र)
आज का योग- शुभ योग
आज का व्रत- गुप्त नवरात्र का पांचवा दिन
आज का शुभ मुहूर्त- आज दोपहर 2 बजकर 13 मिनट से दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक. इस समय में कोई भी काम करना शुभ फलदायक होता है.
आज का राहुकाल- आज शाम 03:21 से शाम 04:44 तक राहुकाल रहेगा. इस दौरान आपको कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए.
आज अमृत योग और रवि योग में श्री पंचमी पूजा
आज अमृत काल: शाम को 06 बजकर 18 मिनट से रात 08 बजकर 04 मिनट तक है. सर्वार्थ सिद्धि योग आज रात 08 बजकर 57 मिनट से कल 17 फरवरी को प्रात: 06 बजकर 58 मिनट तक है. विजय मुहूर्त भी है जो दोपहर 02 बजकर 28 मिनट से दोपहर 03 बजकर 12 मिनट तक रहेगा.
इसके बाद अमृत सिद्धि योग आज रात 08 बजकर 57 मिनट से कल 17 फरवरी को प्रात: 06 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. रवि योग आज रात 08 बजकर 57 मिनट से कल 17 फरवरी को प्रात: 06 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. आज माघ शुक्ल पंचमी के दिन हनुमान जी की पूजा भी करें. हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, बजरंग बाण और उनके मन्त्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है.
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ज्ञान की देवी मां सरस्वती
भगवान ब्रह्मा ने जब संसार को बनाया तो पेड़-पौधों और जीव जन्तुओं सबकुछ दिख रहा था, लेकिन उन्हें किसी चीज की कमी महसूस हो रही थी. इस कमी को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने कमंडल से जल निकालकर छिड़का तो सुंदर स्त्री के रूप में एक देवी प्रकट हुईं. यह देवी सरस्वती थीं. जिनके एक हाथ में वीणा, एक हाथ में वेद पुस्तक, एक हाथ वरद मुद्रा में और एक हाथ में स्फटिक माला थी. देवी ने आकर शब्द, ज्ञान और संगीत का प्रवाह दिया.
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