कालिया दमन का क्या है संदेश?
योगिराज भगवान कृष्ण की असंख्य बाल लीलाओं में कालिया दहन की घटना बड़ी अहम है. जिसमें बालक कृष्ण ने अनगिनत मुख वाले विशाल कालिया नाग के फन पर अलौकिक नृत्य किया था. इसमें जीवन का गंभीर संकेत छिपा हुआ है.
कालिया नाग के फन पर नाचते नागनथैया कृष्ण की छवि भयावह विषधर के उपर विराजमान परमब्रह्म को दर्शाती है. कालिया नाग का दमन करके योगिराज भगवान श्रीकृष्ण ने जीवन का बड़ा अहम संदेश दिया.
प्राचीन काल में यमुना नदी बाढ़ के दिनों में विशाल गढ्ढे बनाती थी. जिसमें पानी भरा होता था. यह गढ्ढे अंदर अंदर नदी के जुड़े होने की वजह से बेहद खतनाक होते थे. इनकी गहराई के कारण इन्हें दह कहा जाता था. आज भी सुंदरवन के जंगलों में ऐसे दह यानी गहरे खड्ड पाए जाते हैं. जो अंदर-अंदर समुद्र या नदी से जुड़े होते हैं. ऐसे ही एक यमुना दह में भयानक विषधर कालिया नाग निवास करता था. उसकी भयावह विषधर ज्वाला की वजह से लोगों के साथ पशु पक्षियों की जान को भी खतरा पैदा गया था.
भगवान की गेंद कालिया दह में गिर गई. वो चाहते तो गेंद को छोड़ सकते थे. लेकिन उनका जीवन तो दूसरों के लिए प्रतिमान गढ़ने के लिए था. भगवान ने कालिया का मुकाबला किया. उसे मारा नहीं बल्कि परास्त किया, उसके बल का हरण कर लिया.
जरा आंखे बंद करके ध्यान करिए. कई फनों वाला खतरनाक कालिया नाग लगातार फुंफकार रहा है. उसके फन अलग अलग दिशाओं से किशोर कृष्ण पर हमला करने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन भगवान उसके हमलों को निष्फल करते हुए, उछल उछलकर उसके फनों पर नाच रहे हैं, वंशी बजा रहे हैं.
यही है ईश्वर का संदेश. कालिया नाग की ही तरह जीवन की समस्याएं आपको हर तरफ से घेर लेंगी. हर तरफ से हमला करेंगी. लेकिन आप घबराइए मत. निश्चिंत होकर प्रभु के श्रीचरणों में ध्यान लगाइए. ईश्वर के हाथ में अपनी नैया छोड़कर अपना कर्म करिए और चैन की वंशी बजाइए. अपनी कार्यकुशलता से मुश्किलों को निष्फल करते रहिए. समस्याएं खुद ब खुद परास्त होकर आपका पीछा छोड़ देंगी.
कालिया को भी यमुना छोड़कर समुद्र में जाना पड़ा था. उसके फन पर भगवान के श्रीचरणों का चिन्ह हमेशा के लिए अंकित हो गया था. जिसकी वजह से गरुड़ ने उस पर कभी हमला नहीं किया.
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