नई दिल्लीः 27 फरवरी 2021 को माघ पूर्णिमा का विशेष दिन है. भारतीय सनातन परंपरा में इसका बहुत ही महत्व है. चंद्र देव को समर्पित यह विशेष तिथि श्रीहरि विष्णु और शिव को प्रसन्न करने की भी विशेष तिथि है. इसके साथ ही गंगा स्नान के लिए भी यह विशेष दिन है.


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इतने सारे पुण्य फलों के कारण ही माघ पूर्णिमा बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस एक दिन विशेष अनुष्ठान करने से 32 तरह के काम सध जाते हैं. वहीं यह भी माना जाता है कि दान और व्रत आदि का 32 गुना पुण्य प्राप्त होता है.  


मन अच्छा तो सब अच्छा
कहते हैं कि मन अच्छा तो सब अच्छा. सनातनी परंपरा और ज्योतिष के बीच भी गहरा संबंध है. ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा मन का कारक है. यानी हमारा मन ही चंद्रमा है. ऐसे में पूर्णिमा वह समय होता है जब हम अपने मन को मजबूत कर सकते हैं.



पूर्णिमा की तिथि यह संकेत देती है कि अंधेरे ने रोशनी को कितना नष्ट करने की कोशिश की, लेकिन चांदनी कभी दब नहीं सकती. वह हर रोज थोड़ी-थोड़ी छनकर आती रही और एक दिन उसने सारे संसार को सफेद रंग में रंग लिया. माघ पूर्णिमा के साथ पवित्रता का भाव भी जुड़ा होने के कारण मन को मजबूत करने में और अधिक सहायता मिलती है. 


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कमजोर चंद्रमा जीवन में लाता है कष्ट
यदि किसी की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो तो उसका जीवन कष्टमय गुजरता है. सीधी बात है कि अगर मन खराब होगा तो मनभोग भी अच्छा नहीं लगेगा. इसलिए कहा जाता है कि सबसे पहले मन शुद्ध करो. यानी की चंद्रमा को शुभ और शुद्ध करना होता है.



चंद्र ग्रह कि अशुभता के कारण ह्रदय एवं फेफड़े के रोग, बाएं नेत्र में विकार, अनिद्रा, अस्थमा, डायरिया, रक्ताल्पता, रक्तविकार, जल की अधिकता या कमी से संबंधित रोग, उल्टी किडनी संबंधित रोग, मधुमेह, ड्रॉप्सी, अपेन्डिक्स, कफ रोग, मूत्रविकार, मुख सम्बन्धी रोग, नासिका संबंधी रोग, पीलिया, मानसिक रोग इत्यादि जैसे रोग होते हैं. 


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अवसाद भी होता है
आज कल तनाव और अवसाद किसी को भी होना आम बात हो गई है. चंद्रमा के साथ शनि यदि रोग का कारक बनता हो, तो इतनी आसानी से मुक्ति नही मिलती है, क्योंकि शनि किसी भी रोग से जातक को लम्बे समय तक पीड़ित रखता है और चंद्र राहु के साथ जब किसी रोग का जनक होता है तो बहुत समय तक उस रोग की जांच नहीं हो पाती है.



डॉक्टर यह समझ ही नहीं पाता है कि जातक को बीमारी क्या है और ऐसे में रोग अपेक्षाकृत अधिक अवधि तक चलता है. ये सभी मिलकर अवसाद को भी जन्म देते हैं. 


आज से करें यह उपाय
आज के पांचवें दिन 27 फऱवरी 2021 को माघ पूर्णिंमा है. अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर है तो आज से ही उपाय करने शुरू कर दें. इससे आप मन को प्रसन्न कर पाएंगे. मन की प्रसन्नता ही चंद्रमा को मजबूत करना है. इस बात को समझ लेना जरूरी है कि हमारा शरीर खुद में एक ब्रह्मांड की तरह है. इसलिए इन उपायों को अपनाएं.


  1. आज सोमवार है. आज से माघ पूर्णिमा तक हर दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. शाक्त परंपरा के अनुसार देवी का मुख-मन और उनके शीतल नेत्रों की ज्योति ही चंद्र का स्वरूप है. देवी की आराधना मन को बलवान बनाएगी. 

  2. आज से प्रत्येक दिन किसी नदी-सरोवर में स्नान करें. सूर्यदेव को अर्घ्य दें. सूर्य के प्रकाश से ही चंद्न में चमक है. ऐसे में आपका मन भी प्रकाशित होगा. सुबह-सुबह सूर्योदय के साथ ऐसा करें, सकारात्मक प्रभाव मिलेंगे. 

  3. चन्द्र ग्रह की अशुभता दूर करने के लिए रात में ऐसे स्थान पर सोना चाहिए, जहां पर चंद्रमा की रोशनी आती हो. इससे चांदनी का सफेद प्रकाश मन पर सकारात्मक असर डालेगा. 

  4. सुगंधित द्रव्य भी मन को प्रसन्न करते हैं. चन्द्र ग्रह के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए चमेली-रातरानी का इत्र का उपयोग करना चाहिए. आज से ही करना शुरू करें.  

  5. महादेव शिव चंद्रमा के भी कष्ट काटने वाले हैं. चंद्र के आराध्यदेव सोमनाथ महादेव शिव आपके मन को शांति और सुख प्रदान करेंगे. आज से पारद शिवलिंग की स्थापना करके उनकी नियमित रूप से पूजा करनी शुरू करें.  


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