आखिर क्या होता है यो-यो और डेक्सा टेस्ट, जिसको दिये बिना अब भारतीय टीम में नहीं होगा सेलेक्शन
Indian Cricket team: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की ओर से रविवार को हुई रिव्यू मीटिंग में जो सबसे बड़ी खबर निकलकर सामने आई वो थी कि अब भारतीय टीम में चयन के लिये खिलाड़ियों को यो-यो टेस्ट तो देना ही होगा साथ ही चोट के बाद वापसी करने वाले खिलाड़ियों के लिये डेक्सा टेस्ट पास करना भी जरूरी हो गया है.
Indian Cricket team: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की ओर से रविवार को हुई रिव्यू मीटिंग में जो सबसे बड़ी खबर निकलकर सामने आई वो थी कि अब भारतीय टीम में चयन के लिये खिलाड़ियों को यो-यो टेस्ट तो देना ही होगा साथ ही चोट के बाद वापसी करने वाले खिलाड़ियों के लिये डेक्सा टेस्ट पास करना भी जरूरी हो गया है. इसके साथ ही वापसी कर रहे खिलाड़ियों के लिये यो-यो टेस्ट पास करना अनिवार्य हो गया है वरना उस खिलाड़ी की टीम में वापसी नहीं हो पाएगी.
ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार यो-यो टेस्ट और डेक्सा टेस्ट क्या है और क्यों जरूरी हो गये हैं जिसके बिना खिलाड़ियों को टीम में जगह नहीं मिलेगी.
आखिर क्या है यो-यो टेस्ट (What is YoYo Test)
यो-यो टेस्ट की बात करें तो यह खिलाड़ियों की फिटनेस और मौजूदा तंदरुस्ती को आंकने के लिये इस्तेमाल किया जाता है. यह टेस्ट एरोबिक फिटनेस टेस्ट है जिससे खिलाड़ियों के दमखम का आकलन किया जाता है . इसमें बीस बीस मीटर की दूरी पर रखे गए मार्कर के बीच बढती हुई गति से दौड़ना होता है. विराट कोहली के भारतीय टीम का कप्तान रहते यह टेस्ट शुरू किया गया था . इसमें पहले पास होने के लिये 16-1 स्कोर जरूरी था जिसे बाद में बीसीसीआई ने बढ़ा कर 17 कर दिया था. अब इसे पास करना हर खिलाड़ी के लिये अनिवार्य हो गया है.
क्या होता है डेक्सा टेस्ट (What is Dexa Test)
वहीं बीसीसीआई ने एनसीए पैनल के सुझाव पर यो-यो टेस्ट के अलावा खिलाड़ियों को खेलने के लिए फिट घोषित करने से पहले टेस्ट की एक और 'विज्ञान संबंधी लेयर' जोड़ने का फैसला किया है और डेक्सा टेस्ट कराने की मंजूरी दी है. इस टेस्ट के तहत डेक्सा स्कैन को जोड़ने की भी सिफारिश की गई है. डेक्सा स्कैन शरीर की संरचना और हड्डी के स्वास्थ्य को मापने के लिए प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय मानक है, यह 10 मिनट का टेस्ट होता है, जो पूरे शरीर को आंकता है और इसमें बोन मास, फैट टिशू और मांसपेशियों का सटीक ब्रेकडाउन शामिल है.
आखिर क्यों जरूरी हैं ये टेस्ट (Why DEXA test Important for Injured Players)
गौरतलब है कि खिलाड़ियों की बॉडी संरचना एक आम आदमी की शारीरिक संरचना से ज्यादा मजबूत होती है, लेकिन जब खिलाड़ी या एथलीट चोटिल होता है तो इसे भारी नुकसान होता है. ऐसे में जब खिलाड़ी रिहैब में जाता है और ट्रेनिंग कर के फिर से फिटनेस हासिल करता है तो वो दोबारा उस मजबूती को हासिल करने में कामयाब होता है. ऐसे में डेक्सा टेस्ट यह बताने के लिये जरूरी और अहम साबित होगा कि चोटिल खिलाड़ी की मौजूदा स्थिति को मांपने का काम करेगी. इतना ही नहीं यह टेस्ट खिलाड़ियों को नई चोट से बचाने का काम भी करेगा.
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