नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाली मीराबाई चानू के सिल्वर मेडल का रंग बदल सकता है.


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खबरों के मुताबिक वेटलिफ्टिंग में 49 किग्रा भारवर्ग में गोल्ड जीतने वालीं चीनी वेटलिफ्टर होउ जीहुई पर डोपिंग करने का आरोप लगा है. अगर वे डोप टेस्ट में फेल पाई गईं तो उनसे गोल्ड मेडल छिन जाएगा. 



 


नियमों के अनुसार यदि किसी भी प्रतियोगिता में पदक विजेता को डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाया जाता है तो उसका पदक छीन कर उससे पिछले पायदान पर रहने वाले प्रतियोगी को दे दिया जाता है. 


इस आधार पर होउ जीहुई को गोल्ड मेडल मीराबाई चानू को मिल जाएगा. अभी जीहुई को 3 डोप टेस्ट से गुजरना होगा और उन्हें साबित करना होगा कि वे डोप टेस्ट में पास हो जाएं. अगर वे डोप टेस्ट में फेल हुईं तो उनकी जगह पर स्वर्ण पदक मीराबाई चानू के मिल जाएगा जो भारत के लिये एक और बड़ी उपलब्धि होगी.  


प्राप्त जानकारी के अनुसार न की वेटलिफ्टर होउ जिहुई का डोपिंग रोधी अधिकारियों द्वारा परीक्षण किया जाएगा और यदि वह परीक्षण में विफल रहती हैं तो भारत की मीराबाई चानू को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाएगा. एक सूत्र के मुताबिक, होउ जिहुई को टोक्यो में ही रुकने के लिए कहा गया और टेस्ट होगा. परीक्षण निश्चित रूप से हो रहे हैं. 


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मीराबाई से 8 किलो ज्यादा भार उठाया 


टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हुए मीराबाई चानू ने कुल 202 किलो (स्नैच में 87 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 115 किग्रा) वजन प्रतियोगिता में अपने चार सफल प्रयासों के दौरान उठाया. वहीं, चीन की होउ जीहुई ने 210 किलोग्राम उठाकर गोल्ड मेडल जीता और नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया. वहीं, इंडोनेशिया की विंडी केंटिका आयशा ने कुल 194 किलोग्राम के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता.


 


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