नई दिल्ली: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल से क्रिकेट के कई नियम बदलने की मांग की गई. MCC ने ICC से खिलाड़ियों के मैदान पर आने से लेकर रिव्यू लेने के दौरान जो समय बर्बाद होता है, उसे बचाने की मांगी की गई है. 


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धीमी ओवरगति के कारण खेल बाधित होने से चिंतित एमसीसी ने शुक्रवार को अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली को सरल बनाने का सुझाव दिया. माइक गैटिंग की अध्यक्षता वाली एमसीसी की 12 सदस्यीय विश्व क्रिकेट समिति ने जून में इंग्लैंड में न्यूजीलैंड के तीन टेस्ट के दौरान हर दिन हुए समय के नुकसान के आकलन पर गौर करने के बाद यह बात कही. समिति में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली भी हैं. 


ICC से नियमों की समीक्षा करने की मांग


आईसीसी को दिये सुझाव के बारे में एमसीसी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘आईसीसी के खेलने के नियमों की कड़ी समीक्षा करने की जरूरत है कि कब सब्स्टीट्यूट खिलाड़ियों को मैदान पर आने की अनुमति देनी है मसलन दस्तानें, ड्रिंक्स आदि लेकर.’’ इसमें यह भी कहा गया,‘‘डीआरएस के बाद क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम को तुरंत अगली गेंद डालने के लिये तैयार रहना चाहिये. इसी तरह से बल्लेबाज को भी तुरंत तैयार हो जाना चाहिये. मैदान पर ड्रिंक्स नहीं लाये जायें.’’ 


ड्रेसिंग रूम से मैसेज भेजने में जाया होता है वक्त


इसमें यह भी कहा गया, ‘‘बल्लेबाजों के दस्ताने बदलने या बारहवें खिलाड़ी के हेलमेट लेकर आने से बहुत विलंब होता है. इससे टेस्ट में हर दिन ढाई मिनट का खेल खराब हुआ.’’ समिति ने धीमी ओवरगति को लेकर कहा, ‘‘कड़े दंड के प्रावधान के बावजूद इसका उतना असर नहीं हुआ, जितना होना चाहिये. कई पहलुओं में सुधार करके समय बर्बाद होने से बचाया जा सकता है ताकि खेल की गुणवत्ता पर असर नहीं पड़े.’’ 


आईसीसी के नियमों से गेंदबाजों पर असर पड़ेगा. उन्हें फील्डिंग सेट करने में ज्यादा वक्त नहीं मिलेगा. तेज गेंदबाजों को कम समय में ओवर पूरे करने की चुनौती होगी. 


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