नई दिल्लीः पिछले दो साल से भी अधिक समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के कारण देवदत्त पड्डिकल अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे लेकिन इन विषम परिस्थितियों ने उनका खेल के प्रति लगाव बढ़ा दिया और आखिर में वह भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने में सफल रहे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कोरोना से परेशान थे देवदत्त
पड्डिकल ने 2021 में श्रीलंका के खिलाफ टी20 मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था लेकिन कोविड-19 से संक्रमित होने और पेट संबंधी बीमारी के कारण उनके करियर का ग्राफ आगे नहीं बढ़ पाया. इन चुनौतियों से पार पाने के बाद पड्डिकल ने घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगना शुरू कर दिया जिसका परिणाम यह निकला कि उन्हें भारत की टेस्ट टीम में जगह मिल गई. 


डेब्यू मैच में जड़ी फिफ्टी
इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में उन्होंने शुक्रवार को यहां 65 रन की लाजवाब पारी खेली जिसमें 10 चौके और एक छक्का शामिल है. पड्डिकल ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से कहा,‘‘मेरा हमेशा से मानना रहा है कि आप जो भी काम करते हो उसमें सफलता के लिए अनुशासन होना बेहद जरूरी है. फिर चाहे वह अभ्यास हो या दैनिक जीवन की आदतें या फिर भोजन. मैंने अनुशासित रहने का प्रयास किया और यही मेरा मुख्य लक्ष्य था.’’


जानें क्या बोले देवदत्त
उन्होंने कहा,‘‘बीमारी के दौरान मैं बहुत कुछ नहीं कर सका लेकिन फिर भी मैं चाहता था कि मैं अन्य क्षेत्रों में पीछे ना रहूं. मैंने खुद पर काम जारी रखा फिर चाहे वह मानसिक हो या फिर छोटी -छोटी चीजें.’’ पड्डिकल ने जब पूर्ण फिटनेस हासिल करने के बाद वापसी की तो उनका खेल अधिक निखर गया था. इसके अलावा उन्होंने अपने खेल में कुछ तकनीकी बदलाव भी किए. 


उन्होंने कहा,‘‘तकनीकी तौर पर मैंने कुछ बदलाव किए लेकिन मानसिक तौर पर भी मैंने बदलाव किए. मैं यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि मैं खेल का पूरा लुत्फ उठाऊं. पिछले दो वर्षों में मैंने बहुत अधिक क्रिकेट नहीं खेली और तब मुझे एहसास हुआ कि इस खेल से मेरा कितना गहरा लगाव है और मुझे इसकी कितनी कमी खल रही है.’’ 


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.