नई दिल्लीः टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत को मिली हार पर टीम के पूर्व कप्तान ने भी अपनी चुप्पी तोड़ दी है. इस मौके पर दिग्गज ने टीम की आलोचना कर आलोचकों को आड़े हाथ लिया है. सुनील गावस्कर का मानना है कि टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा लेकिन अब यह इतना भी बुरा नहीं था कि आप लगातार खिलाड़ियों को निशाना बनाने लग जाए.  


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'जीतने के बाद नहीं होती टीम की आलोचना'


सुनिल गावस्कर ने कहा, 'अगर हम मैच जीत गए होते तो वे कोई भी सवाल टीम इंडिया और इसके खिलाड़ियों से नहीं पूछा जाता, जो अभी पूछा जा रहा है. टीम एक मैच क्या हार जाती है कि आप लगातार टीम पर निशाना साधना शुरू कर देते हैं.'


बाकि खिलाड़ियों को भ्रमित करते हैं अधिक बात करने वाले खिलाड़ी  


उन्होंने आगे कहा, 'मुझे पता है कि कई ऐसे मुद्दे हैं जिनपर ध्यान देने की जरूरत है. उदाहरण के लिए आप देखे तो कार्यभार प्रबंधन को ही ले सकते हैं. मुझे लगता है कि हमें अपने सदस्यों की संख्या को भी देखने की जरूरत है. बहुत अधिक बात करने वाले खिलाड़ी टीम के बाकी खिलाड़ियों को भ्रमित करते हैं. ये कुछ ऐसी चीजें हैं जो टीम में सख्तियों से लागू होनी चाहिए.'


'टीम को मजबूत करने की है जरूरत'


सुनिल गावस्कर ने आगे कहा, आप सोच रहे होंगे कि मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं? दरअसल हम सेमीफाइनल में हार गए हैं. इसलिए हम सभी इस पर बात कर रहे हैं. अगर हम फाइनल जीत गए होते तो इस बारे में बात नहीं करते. तब हम इस बारे में बात कर रहे होते कि किसे प्लेइंग इलेवन में खेलनी चाहिए. टीम जब हार जाती है आप लगातार टीम की आलोचना करने लग जाते हैं. आप यह मत सोचिए कि ये अच्छा तरीका है. मुझे पता है कि टीम को मजबूत करने की जरूरत है, और हम ऐसा करने के लिए कठोर से कठोर कदम उठा सकते हैं. आपको समझना चाहिए कि आपके और मेरे अलावा एक चयन समिति को भी नियुक्त किया गया है.


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