Asian Boxing Championship 2022: चोट ने छीना शिव थापा से गोल्ड का मौका, सिल्वर जीत करना पड़ा संतोष

Asian Boxing Championship 2022: दिल्ली में खेले जा रहे एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में शनिवार को टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे सफल पुरुष खिलाड़ी 28 वर्षीय थापा लाइट वेल्टरवेट वर्ग के स्वर्ण पदक के मुकाबले में उज़्बेकिस्तान के अब्दुल्लाव रुस्लान के खिलाफ दूसरे राउंड में चोटिल हो गए और रेफरी ने मुकाबला रोककर उनके प्रतिद्वंदी को विजेता घोषित कर दिया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 13, 2022, 10:58 AM IST
  • चोट ने छीना शिव थापा से गोल्ड का मौका
  • सिल्वर जीत कर भी थापा ने बनाये कई रिकॉर्ड
Asian Boxing Championship 2022: चोट ने छीना शिव थापा से गोल्ड का मौका, सिल्वर जीत करना पड़ा संतोष

Asian Boxing Championship 2022:  दिल्ली में खेले जा रहे एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में शनिवार को भारत के शिव थापा (63.5 किग्रा) के अभियान का निराशाजनक अंत हुआ और चोटिल होने के कारण उन्हें फाइनल मैच के बीच से ही हटना पड़ा. इसके चलते शिव थापा को सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा जो उनका एशियाई चैंपियनशिप में कुल मिलाकर छठा पदक है. 

चोट ने छीना शिव थापा से गोल्ड का मौका

टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे सफल पुरुष खिलाड़ी 28 वर्षीय थापा लाइट वेल्टरवेट वर्ग के स्वर्ण पदक के मुकाबले में उज़्बेकिस्तान के अब्दुल्लाव रुस्लान के खिलाफ दूसरे राउंड में चोटिल हो गए और रेफरी ने मुकाबला रोककर उनके प्रतिद्वंदी को विजेता घोषित कर दिया. 

तीसरी वरीयता प्राप्त थापा जब चोटिल हुए तब वह पहला राउंड गंवाने के कारण 0-5 से पीछे चल रहे थे. पहले राउंड के शुरू में दोनों मुक्केबाजों ने दबदबा बनाने की कोशिश की लेकिन आखिर में उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज ने वर्चस्व बनाया. दूसरे राउंड में थापा ने वापसी की कोशिश की लेकिन वह जल्द ही नीचे गिर गए. रेफरी गिनती गिनने लगा लेकिन थापा उठ गए. उन्हें हालांकि काफी दर्द हो रहा था जिसके लिए उन्होंने चिकित्सा भी ली. 

सिल्वर जीत करना पड़ा संतोष

आखिर में मुकाबला रोक दिया गया और जब रेफरी ने विजेता की घोषणा की तब वह बमुश्किल खड़े हो पा रहे थे. फाइनल के निराशाजनक अंत को छोड़कर थापा ने इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया था. एशियाई चैंपियनशिप में उन्होंने अब तक एक स्वर्ण (2013), तीन रजत (2017, 2021 और 2022) और दो कांस्य पदक (2015 और 2019) जीते हैं. थापा ने हालांकि रजत पदक जीत कर कजाकिस्तान के दिग्गज मुक्केबाज वासिली लेविट को पीछे छोड़ दिया.

सिल्वर जीत कर भी थापा ने रचा इतिहास, बनाये कई रिकॉर्ड

वह एकमात्र अन्य पुरुष मुक्केबाज हैं जिन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में पांच पदक जीते हैं. एशियाई चैंपियनशिप में थापा से अधिक पदक एमसी मेरीकॉम (सात) और एल सरिता देवी (आठ) ने जीते हैं. भारतीय मुक्केबाजों ने इस प्रतियोगिता में कुल 12 पदक जीते जिसमें चार स्वर्ण, दो रजत और छह कांस्य पदक शामिल हैं. इन 12 पदकों में महिलाओं ने सात पदक जीते जिससे भारत महिला वर्ग में शीर्ष पर रहा. 

महिला वर्ग में ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा), अल्फिया पठान (81 किग्रा से अधिक), स्वीटी बूरा (81 किग्रा) और परवीन हुड्डा (63 किग्रा) ने स्वर्ण पदक जीते. मीनाक्षी (52 किग्रा) ने रजत जबकि अंकुशिता बोरो (66 किग्रा) और प्रीति दहिया (57 किग्रा) ने कांस्य पदक हासिल किये. पुरुष वर्ग में नरेंदर (92 किग्रा से अधिक), सुमित (75 किग्रा), मोहम्मद हुसामुद्दीन (57 किग्रा) और गोविंद कुमार साहनी (48 किग्रा) ने कांस्य पदक जीते.

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