Team India: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही 4 मैचों की टेस्ट सीरीज में रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने 2-0 से अजेय बढ़त बना ली है, जिसमें भारतीय टीम के बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन टीम के सलामी बल्लेबाज केएल राहुल का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है जिसके चलते अब खबरें आ रही हैं कि एक मार्च से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट मैच में उन्हें बाहर बिठाकर शुबमन गिल को मौका दिया जा सकता है. हालांकि भारतीय टीम मैनेजमेंट ने ऐसा कोई भी संकेत नहीं दिया है और साफ किया है कि वो केएल राहुल को बैक करना जारी रखेगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सहवाग के बाद ये कारनामा करने वाले इकलौते खिलाड़ी


उल्लेखनीय है कि दूसरे टेस्ट मैच के बाद राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा  ने केएल राहुल के बल्ले से विदेशों में खेली गई उपयोगी पारियों का हवाला देते हुए साफ किया था कि वो उन्हें मुश्किल समय में नहीं छोड़ेंगे बल्कि उन्हें बैक करना जारी रखेंगे. रोहित और द्रविड़ यहां पर जिन पारियों की बात कर रहे हैं वो उनके बल्ले से ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, श्रीलंका और वेस्टइंडीज में आई थी. केएल राहुल भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग के बाद इकलौते ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने इन चारों देशों में शतक लगाने का कारनामा किया है.


2018 में भी खराब दौर से गुजरे थे केएल राहुल


हालांकि इन शतकीय पारियों के बाद जो चीज चिंता का सबब बनी है वो है कि उनके ये पारियां कभी भी प्रभावी समय में नहीं आई है. यही वजह है कि 47 टेस्ट मैचों में उनकी बल्लेबाजी का औसत 33 का है. यह पहली बार नहीं है जब भारतीय टीम मैनेजमेंट ने राहुल में अपना इतना भरोसा जताया है. 2018 के इंग्लैंड दौरे पर इस बल्लेबाज ने 4 मैचों की 8 पारियों में 4,13, 8, 23, 36, 19 और 0 रन की पारियां खेली थी. इसके बावजूद रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली ने पांचवे और आखिरी टेस्ट मैच में उन्हें बैक किया था और उन्होंने ओवल के मैदान पर खेले गये इस मैच की दूसरी पारी में शतक जड़ने का कारनामा किया था.


अब कोहली-शास्त्री एरा में भारतीय टीम के मैनेजर रह चुके पूर्व तमिलनाडु के खिलाड़ी सुनील सुब्रमण्यम ने इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और कहा है कि रोहित-द्रविड़ को ये गलती नहीं करनी चाहिये. पांच साल पहले परिस्थितियां दूसरी थी, राहुल एक युवा खिलाड़ी थे और उन पर भरोसा दिखाये जाने की जरूरत थी. आपको उस समझना होगा कि उस वक्त के लोकेश राहुल मौजूदा समय से काफी अलग थे.


तब में और अब की परिस्थिति में है काफी फर्क


सुनील ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि उस वक्त भारतीय टीम के पास विकल्प नहीं मौजूद थे लेकिन शायद उनके पास शुबमन गिल, मयंक अग्रवाल और पृथ्वी शॉ जैसे खिलाड़ियों का विकल्प नहीं था. मुरली विजय को ही रिप्लेस कर के केएल राहुल ने जगह बनाई थी और शिखर धवन का करियर पतन की ओर था. घरेलू क्रिकेट में उनका तुरंत ही कोई विकल्प मौजूद नहीं था. गिल और शॉ काफी युवा थे और अग्रवाल ने काफी लंबे समय से रणजी ट्रॉफी में रन नहीं बनाये थे.


पहले टीम के पास नहीं थे शॉ-गिल और अग्रवाल जैसे विकल्प


उन्होंने कहा,’टीम में शुबमन गिल जैसे खिलाड़ी मौजूद हैं जो कि दरवाजा खटखटा नहीं रहें बल्कि तोड़ने की कगार पर हैं, वहीं पृथ्वी शॉ भी लंबे समय से अच्छा कर रहे हैं. ऐसे में आप कितने लंबे समय तक उनके सही दावों को खारिज करते नजर आ सकते हैं.’


ऐसे में यह देखना रोमांचक होगा कि रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ की जोड़ी किन जवाबों के साथ आ सकती है.


इसे भी पढ़ें- पूर्व भारतीय कोच ने बताई शास्त्री-कोहली युग की सबसे बड़ी गलती, बताया क्यों बेहतर है रोहित-द्रविड़ का एरा



Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.