नई दिल्लीः फीफा वर्ल्ड कप का इंतजार कर रहे फुटबॉल प्रेमियों का इंतजार अब खत्म हो चुका है. कतर में आयोजित दुनिया के सबसे बड़े स्पोटर्स इवेंट में से एक फीफा वर्ल्ड कप 2022 का आगाज रविवार यानि 20 नवंबर से हो चुका है. जो लगभग एक महीने तक चलने वाला है. 


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पूरे टूर्नामेंट में 32 टीमें लेंगी भाग
कतर में आयोजित इस टूर्नामेंट में 32 टीमें शिरकत करेंगी, और इन शामिल 32 टीमों को चार-चार के कुल आठ ग्रुपों में बांटा गया है. वहीं, अब तक वर्ल्ड कप के कुल आठ मुकाबले खेले जा चुके हैं. फीफा वर्ल्ड कप के पहले मुकाबले में ही मेजबान कतर को इक्वाडोर की हाथों हार का मुंह देखना पड़ा था.
 
क्या है गोल्डेन बूट
फुटबॉल के इस वर्ल्ड कप में खिलाड़ियों को एक बड़ा अवार्ड दिया जाता है जिसका नाम गोल्डन बूट है. क्रिकेट की भाषा में अगर इसे समझा जाए तो गोल्डन बूट फीफा वर्ल्ड कप में खिलाड़ियों को दिया जाने वाला प्लेयर ऑफ द सीरीज की तरह है जो पूरे टूर्नामेंट के दौरान सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को दी जाती है. यह बूट हर साल वर्ल्ड कप में सर्वाधिक गोल दागने वाले खिलाड़ी को दिया जाता है. 


साल 1982 में हुई थी शुरुआत
बता दें कि इस अवार्ड की अधिकारिक तौर पर शुरुआत साल 1982 के वर्ल्ड कप से हुई थी. साल 2006 तक इसे गोल्डन शू के नाम जाता था. वही, साल 2010 के फीफा वर्ल्ड कप में इसका नाम गोल्डन शू से बदलकर गोल्डन बूट कर दिया गया. साल 2022 के फीफा वर्ल्ड कप में कुल 32 टीमें भाग ले रही है. इस बीच यह गोल्डन बूट हासिल करना किसी भी खिलाड़ी के लिए इतना आसान नहीं होगा. 


जानें किसे दिया जाता है सिल्वर और ब्रॉन्ज बूट
टूर्नामेंट में दूसरे नंबर पर रहने वाले खिलाड़ी को सिल्वर और तीसरे नंबर पर रहने वाले खिलाड़ी को ब्रॉन्ज बूट के अवॉर्ड से नवाजा जाता है. फीफा वर्ल्ड कप के इतिहास में अब तक कुल 27 खिलाड़ियों को यह अवार्ड दिया जा चुका है, जिनका नाम निम्नलिखित है. 


कुल 27 खिलाड़ियों को मिल चुका है यह अवार्ड


1930 फीफा वर्ल्ड कप – गुइलेर्मो स्टैबाइल(अर्जेंटीना) – 8 गोल
1934 फीफा वर्ल्ड कप – ओल्डरिच नेजेडली(चेकोस्लोवाकिया) 5 गोल
1938 फीफा वर्ल्ड कप – लिओनिडास (ब्राजील) – 7 गोल
1950 फीफा वर्ल्ड कप – एडेमिर (ब्राजील) – 8 गोल
1954 फीफा वर्ल्ड कप – सान्डोर कोकसिस (हंगरी) – 11 गोल
1958 फीफा वर्ल्ड कप – जस्ट फोन्टेन (फ्रांस) – 13 गोल
1962 फीफा वर्ल्ड कप – फ्लोरियन अल्बर्ट (हंगरी), वैलेन्टिन इवानोव (रूस), गैरिंचा और वावा (ब्राजील), ड्रैसन जेरकोविच (क्रोएशिया), लियोनेल सांचेज (चिली) – 4 गोल
1966 फीफा वर्ल्ड कप – इसेबियो (पुर्तगाल) – 9 गोल
1970 फीफा वर्ल्ड कप – गेराड मूलर (जर्मनी) – 10 गोल 1974 फीफा वर्ल्ड कप – ग्रजेगोर्ज लाटो (पोलैंड) – 7 गोल
1978 फीफा वर्ल्ड कप – मारिओ कैम्पस (अर्जेंटीना) – 6 गोल
1982 फीफा वर्ल्ड कप – पाउलो रॉसी (इटली) – 6 गोल
1986 फीफा वर्ल्ड कप- ग्यारी लिनेकर (इंग्लैंड) – 6 गोल
1990 फीफा वर्ल्ड कप – साल्भाटोर सिलाची (इटली) – 6 गोल
1994 फीफा वर्ल्ड कप – ओलेग सालेन्को (रुस), ह्रिस्टो स्टोइचकोव (बुल्गारिया) – 6 गोल
1998 फीफा वर्ल्ड कप – डावोर सुकर (क्रोएशिया) – 6 गोल
2002 फीफा वर्ल्ड कप – रोनाल्डो नाराजियो (ब्राजील) – 8 गोल
2006 फीफा वर्ल्ड कप- मिरोस्लाव क्लोजे (जर्मनी) – 5 गोल
2010 फीफा वर्ल्ड कप – थॉमस मुलर (जर्मनी) – 6 गोल
2014 फीफा वर्ल्ड कप- जेम्स रॉड्रिग्स (कोलम्बिया) – 6 गोल
2018 फीफा वर्ल्ड कप- हैरी केन (इंग्लैंड) – 6 गोल.


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