नई दिल्ली: कप्तान ऋषभ पंत रविवार को पांच मैचों की श्रृंखला के दूसरे ट्वेंटी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में शानदार प्रदर्शन करने वाली दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वापसी की कोशिश में भारतीय गेंदबाजों से सुधरे हुए प्रदर्शन की उम्मीद करेंगे.


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अचानक से कप्तानी की जिम्मेदारी दिये जाने के बाद पंत को पहले ही मैच में हार का सामना करना पड़ा जिसमें डेविड मिलर और रासी वान डर डुसेन ने बिना किसी परेशानी के 212 रन का मुश्किल लक्ष्य हासिल कर अपनी टीम को श्रृंखला में 1-0 से बढ़त दिला दी.


भावी कप्तान की रेस में देखे जा रहे ऋषभ पंत


पंत के लिये इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) भी इतनी अच्छी नहीं रही थी जिसमें वह अपनी फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स को प्लेऑफ तक नहीं पहुंचा सके. भविष्य के सफेद गेंद के कप्तान पर देखे जा रहे पंत की दावेदारी का ग्राफ आईपीएल के बाद अचानक से नीचे आ गया. इसके साथ ही हार्दिक पंड्या ने कप्तानी में बेहतर प्रदर्शन किया और अपनी अगुआई में कमाल दिखाकर गुजरात टाइटंस को पदार्पण सत्र में खिताब दिला दिया.


पूर्ण रूप से फिट होकर लौटे तेज गेंदबाजी आल राउंडर पंड्या ने अपनी कप्तानी के साथ अपनी फॉर्म से भी प्रभावित किया. इसे देखते हुए भारत के अगले सफेद गेंद के कप्तान के लिये पंड्या का नाम ऊपर बढ़ता जा रहा है जबकि पंत की फिर वापसी के दौरान समीक्षा की जायेगी. 


ऋषभ पंत की कप्तानी के बारे में कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी लेकिन उनकी भाव भंगिमा भी इतनी प्रभावशाली नहीं दिखी और वह कप्तानी के अपने पदार्पण में दबाव में दिखायी दिये. साथ ही उन्होंने आईपीएल के ‘पर्पल कैप’ विजेता युजवेंद्र चहल को भी कम गेंदबाजी करायी जबकि वह उप विजेता राजस्थान रॉयल्स के लिये 27 विकेट चटकाकर आ रहे हैं.


मजबूत विकल्प बनकर उभरे हार्दिक पांड्या


कोटला में इस लेग स्पिनर ने केवल दो ओवर डाले. जहां तक पंड्या का सवाल है तो उन्होंने गुजरात टाइटंस के साथ एतिहासिक सफलता हासिल की. पंड्या ने भारत के लिये अंतिम मैच पिछले साल नवंबर में 2021 टी20 विश्व कप में खेला था जिसमें उन्होंने 12 गेंद में नाबाद 31 रन बनाकर स्कोर 200 रन के पार कराया था. लेकिन वह गेंदबाजी में प्रभावित करने में सफल नहीं रहे थे जिसमें उन्होंने अपने एकमात्र ओवर में 18 रन लुटा दिये थे.


ऋषभ पंत के लिये सबसे बड़ी सरदर्दी गेंदबाजी विभाग होगी जिसमें उन्हें अर्शदीप और तेज गेंदबाज उमरान मलिक के बीच में से किसी एक को चुनने का फैसला करना होगा. जहां तक बल्लेबाजी का सवाल है तो यह बिलकुल ‘परफेक्ट’ दिखती है लेकिन नये लुक वाला तेज गेंदबाजी विभाग श्रृंखला के पहले मैच में सपाट दिखा.  


भुवनेश्वर कुमार को समझना होगा अपना रोल


सीनियर तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार में पुरानी तेजी नहीं दिखी और उन्होंने अंतिम ओवरों में रन लुटाये जबकि हर्षल पटेल पर भी बल्लेबाजों ने रन जोड़े. युवा आवेश खान भी प्रभावित करने में असफल रहे, हालांकि वह इस तिकड़ी में सबसे ‘इकोनोमिकल’ रहे. 


अर्शदीप और मलिक की जोड़ी नेट पर अपनी तेजी और सटीकता से प्रभावित करने का अथक प्रयास कर रही है जिससे ऐसी संभावना दिख रही है कि इनमें से एक को रविवार को पदार्पण का मौका दिया जा सकता है. यह आसान काम नहीं होगा क्योंकि एक और हार का मतलब होगा कि पंत की अगुआई वाली टीम को श्रृंखला जीतने के लिये लगातार तीन मैच जीतने होंगे जो काफी मुश्किल हो जायेगा.  


मिलर और ड्युसेन का तोड़ निकालना होगा


आईपीएल में व्यक्तिगत खिलाड़ियों की सफलता के बाद दक्षिण अफ्रीकी टीम अब लय में आ रही है. मिलर अपनी करियर की शानदार फॉर्म में हैं जिन्होंने आईपीएल में 484 रन जुटाकर गुजरात टाइटंस की जीत में अहम भूमिका अदा की थी. उन्होंने इसी तर्ज पर श्रृंखला की शुरूआत की और कोटला पर वह स्पिन और तेज गेंदबाजों के खिलाफ खतरनाक दिखायी दिये.


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क्विंटन डि कॉक अपनी शुरूआत को बड़ी पारी में नहीं बदल सके लेकिन लखनऊ सुपर जायंट्स के लिये इस बल्लेबाज ने आईपीएल में 508 रन बनाये थे और वह यहां इसी फॉर्म को जारी रखना चाहेंगे. वान डर डुसेन का स्ट्राइक रेट भी काफी अच्छा है, जिससे यह तिकड़ी दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजी की रीढ़ है जबकि कागिसो रबाडा और एनरिच नोर्किया भारतीय बल्लेबाजों को ज्यादा रन जुटाने से रोकना चाहेंगे.


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