कौन है गृहयुद्ध के अंधेरे में आशा की किरण देती 12 वर्षीय सीरियाई खिलाड़ी
पिछले एक दशक से गृह युद्धा का सामना कर रहे सीरिया के लिए आशा की किरण बनकर उभरी है 12 साल की खिलाड़ी. जानिए कौन है वो.
नई दिल्ली: सीरिया पिछले कुछ सालों से गृह युद्ध का सामना कर रहा है. साल 2011 में राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ शुरू हुई शांतपूर्ण बगावत धीरे-धीरे गृह युद्ध में तब्दील हो गया. इस गृहयुद्ध में पूरा देश तबाह हो गया और लाखों सीरियाई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. सीरिया के कारण दुनिया के ताकतवर देश भी आपस में भिड़ गए.
गृह युद्ध के दौरान यदि किसी को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है तो वो हैं महिलाएं और बच्चे. एक दशक से ज्यादा समय से चले आ रहे इस युद्ध ने बच्चों से उनका बचपन छीन लिया. लेकिन 23 जुलाई से जापान की राजधानी टोक्यो में शुरू होने जा रहे 32वें ओलंपिक खेलों में सीरिया की ओर से महज 12 साल की उम्र की एक छोटी सी खिलाड़ी मैदान पर उतरने जा रही है.
खेल परिवार से है ताल्लुक, 5 साल की उम्र में थामा था रैकेट
सीरिया के हमा शहर में जन्मीं 12 वर्षीय हेंद जाजा टेबल टेनिस की खिलाड़ी हैं. उनका ताल्लुक एक खेल परिवार से है. उन्होंने महज पांच साल की उम्र में पहली बार टेबल टेनिस का रैकेट थामा था. 6 साल बाद ही उन्होंने महज 11 साल की उम्र में टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करके इतिहास रच दिया था. ये कारनामा उन्होंने पिछले साल जॉर्डन में आयोजित पश्चिम एशिया ओलंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट में जीत दर्ज करके कर दिखाया.
इस जीत के साथ ही वो ओलंपिक खेलों में जगह बनाने वाली सीरिया की पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गईं. संयोगवश वो कोरोना संकट की वजह से एक साल की देरी से आयोजित हो रहे टोक्यो ओलंपिक की सबसे युवा या कहें सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनकर उभरी हैं.
ओलंपिक इतिहास की पांचवीं सबसे युवा खिलाड़ी
जाजा ज्ञात रिकॉर्ड्स के मुताबिक ओलंपिक इतिहास की पांचवीं सबसे युवा एथलीट बन गई हैं. 1968 के बाद वो ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाली यानी पिछले 52 साल में सबसे युवा खिलाड़ी हैं. चार साल पहले रियो ओलंपिक में 13 वर्षीय नेपाली तैराक गौराकी सिंह सबसे युवा खिलाड़ी थीं.
साल में खेल पाती थीं दो से तीन मैच
जाजा के लिए ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर पाना इस लिए भी मुश्किल था क्योंकि गृहयुद्ध की वजह से वो साल में केवल दो -तीन मैच ही खेल पाती थीं. लेकिन जाजा ने सारी परेशानियों को पार करके इतिहास रच दिया और लोगों को ये संदेश दिया कि अहर हौसला मजबूत हो तो कोई भी परेशानी उनकी सफलता की राह में रोड़ा नहीं बन सकती है.
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विश्व रैंकिंग में 46वें पायदान पर काबिज जाजा ने पिछले साल फरवरी में ओलंपिक का टिकट कटाया था. ओलंपिक क्वालीफायर्स में उन्होंने खुद से 31 साल बड़ी लेबनान की 42 वर्षीय खिलाड़ी मारियाना शहकियन को मात देकर यह उपलब्धि हासिल की थी. जाजा सीरिया की ओर से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहले टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं.
टोक्यो में सीरिया का 6 सदस्यीय दल ले रहा है हिस्सा
टोक्यो ओलंपिक में सीरिया का छह सदस्यीय दल हिस्सा ले रहा है. जिनमें जाजा एकलौती महिला खिलाड़ी हैं. टोक्यो में महिला एकल वर्ग के टेबल टेनिस मैच 25 जुलाई को शुरू होंगे और 30 जुलाई को उसका फाइनल मुकाबला खेला जाएगा.
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