IND vs AUS, 4th Test: आखिरी टेस्ट में नहीं खेलेंगे श्रीकर भरत, जानें किस खिलाड़ी को टीम मैनेजमेंट देगा मौका
IND vs AUS, 4th Test: वर्तमान बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में कोना भरत के बल्लेबाजी में लचर प्रदर्शन और अहमदाबाद के मोटेरा के नरेंद्र मोदी स्टेडियम की अपेक्षाकृत बल्लेबाजों के लिए अनुकूल मानी जा रही पिच को देखते हुए भारतीय टीम प्रबंधन चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के लिए झारखंड के विकेटकीपर बल्लेबाज इशान किशन को अंतिम एकादश में शामिल कर सकता है.
IND vs AUS, 4th Test: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच अहमदाबाद के मोटेरा में स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा जहां पर भारतीय टीम सिर्फ जीत के साथ सीरीज का खात्मा करना चाहेगी. सीरीज के आखिरी मैच में टीम मैनेजमेंट बड़ा बदलाव करते हुए नजर आ सकती है और सीरीज के पहले 3 मैचों मे विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका निभाने वाले श्रीकर भरत को टीम के बाहर बिठा सकती है.
भरत को बाहर कर किशन को मौका दे सकती है टीम मैनेजमेंट
उल्लेखनीय है कि अहमदाबाद की पिच पर बल्लेबाजों को काफी मदद मिलती हुई नजर आती है जिसके चलते भारतीय टीम इस मैच में कोना भरत के बजाय झारखंड के विकेटकीपर बल्लेबाज इशान किशन को मैदान पर उतार सकती है. भरत को पिछले एक साल से ऋषभ पंत के बैकअप के रूप में तैयार किया जा रहा था और वह भारत ए टीम के नियमित सदस्य रहे. वह हालांकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले तीन टेस्ट मैचों की पांच पारियों में 8, 6, नाबाद 23, 17 और 3 का स्कोर ही बना पाए.
धीमी पिच पर कामयाब नहीं हो सके श्रीकर भरत
धीमे और टर्न लेते विकेटों पर उनकी विकेटकीपिंग हालांकि प्रभावशाली रही. यह अलग बात है कि इंदौर में वह कुछ गेंदों पर गच्चा खा गए थे. लेकिन पांच पारियों में केवल 57 रन बनाना भारतीय टीम के लिए फायदे का सौदा नहीं रहा है वह भी तब जबकि भारतीय बल्लेबाज टर्निंग पिचों पर रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं. मंगलवार को नेट पर अभ्यास के दौरान मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने किशन के साथ काफी समय बिताया. भारतीय टीम का नेट सत्र हालांकि टीम प्रबंधन की सोच को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित नहीं करता तथा मंगलवार को वैकल्पिक अभ्यास सत्र में भरत को विश्राम दिया गया था. उनका हालांकि बुधवार को अभ्यास सत्र में भाग लेने की संभावना है.
सिर्फ इस वजह से किशन को मौका मिलना मुश्किल
मोटेरा का विकेट बल्लेबाजी के लिए अनुकूल दिखता है और यदि उसमें उछाल भी होती है तो वह किशन की आक्रामक शैली की बल्लेबाजी के अनुकूल ही होगा और ऐसे में टीम प्रबंधन उन्हें मौका दे सकता है. ऑस्ट्रेलिया की टीम में दो ऑफ स्पिनर का होना ही किशन के खिलाफ जाता है क्योंकि उन्हें बाहर की तरफ टर्न होती गेंदों को खेलने में परेशानी होती है. लेकिन ऐसा सीमित ओवरों के क्रिकेट में हुआ है जहां उन्हें शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाना पड़ता है.
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