IND vs AUS, 2nd Test: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही 4 मैचों की बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम ने लगातार 2 मैचों में जीत हासिल कर सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है. पहले मैच में उसे एक पारी और 132 रनों से हारना पड़ा था तो वहीं पर दिल्ली में खेले गये दूसरे टेस्ट मैच में मजबूत स्थिति में होने के बावजूद अचानक से कंगारू टीम लड़खड़ा गई और तीसरे दिन के पहले सेशन में सिर्फ 52 रन जोड़कर 9 विकेट खो दिये. जवाब में भारतीय टीम ने 4 विकेट खोकर 115 रनों के लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया.


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इस शर्मनाक हार के बाद ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क टीम की रणनीति और मैनेजमेंट पर जमकर बरसे हैं और उन्होंने उन गलतियों का खुलासा किया है जिसकी वजह से टीम को हार का सामना करना पड़ा है. कप्तान माइकल क्लार्क का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर अब तक का खराब प्रदर्शन ‘बड़ी गलतियों’ से भरा हुआ है. 


अभ्यास मैच नहीं खेलना टीम की सबसे बड़ी गलती


ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क का मानना है कि सीरीज से पहले भारतीय टीम के साथ अभ्यास मैच न खेलना कंगारू टीम की सबसे बड़ी गलती है. पैट कमिंस ने इसके बजाय नागपुर में श्रृंखला के पहले मैच से पूर्व बेंगलुरू के पास एक छोटा सा शिविर लगाने और इससे पूर्व स्वदेश में भारतीय परिस्थितियों जैसी परिस्थितियां तैयार करके अभ्यास का विकल्प चुना था. दो हफ्ते बाद मेहमान टीम श्रृंखला में 0-2 से पीछे है और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतने का मौका पहले ही गंवा चुकी है. 


क्लार्क ने सोमवार को बिग स्पोर्ट्स ब्रेकफास्ट पर कहा, ‘मैं जो देख रहा हूं उससे मैं हैरान नहीं हूं क्योंकि हमने अभ्यास मैच में हिस्सा नहीं लिया. बड़ी, बड़ी, बड़ी गलती. वहां कम से कम एक मैच होना चाहिए था ताकि परिस्थितियों से सामंजस्य बैठाया जा सके.’


भारत के खिलाफ खुल गई ऑस्ट्रेलिया की कमजोरी


पहले दो टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की शीर्ष स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ कमजोरियां उजागर हुई. नयी दिल्ली में मेहमान टीम के बल्लेबाजों ने स्वीप खेलकर स्पिनरों से निपटने का प्रयास किया लेकिन यह रणनीति बुरी तरह विफल रही. क्लार्क के अनुसार इसके अलावा एक और बड़ी गलती पहले टेस्ट में ट्रेविस हेड को नहीं खिलाना थी.


बाएं हाथ के बल्लेबाज हेड ऑस्ट्रेलिया के लिए दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में 46 गेंद में 43 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहे जबकि पूरी टीम 113 रन पर ऑल आउट हो गई. यह पहली बार था जब उन्होंने टेस्ट मैच में पारी की शुरुआत की. कम उछाल वाली पिच पर ऑस्ट्रेलिया के आधे बल्लेबाज स्वीप या रिवर्स स्वीप करते हुए आउट हुए.


क्लार्क ने कहा,‘पहले टेस्ट के लिए चयन, बड़ी, बड़ी गलती. दूसरे टेस्ट में उन्होंने स्वीप किया, हमने पहले टेस्ट मैच में काफी स्वीप शॉट देखे थे. जब आप अपनी पारी शुरू करते हैं तो वे स्वीप करने के लिए सही समय नहीं होता. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके आसपास कितने सहयोगी कर्मचारी हैं, आप ऑस्ट्रेलिया के लिए खेल रहे हैं. निश्चित रूप से उच्चतम स्तर पर खेलने वाले बल्लेबाज के रूप में, आप जोखिम बनाम इनाम की गणना करते हैं.’’


ऑस्ट्रेलिया को भारत से सीखना चाहिये स्पिन के खिलाफ बल्लेबाजी करना


क्लार्क ने यह भी कहा कि स्पिन की अनुकूल परिस्थितियों में बल्लेबाजी कैसे की जाती है यह ऑस्ट्रेलिया को भारत से सीखना चाहिए था.


उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि हम भारत को बल्लेबाजी करते हुए नहीं देख रहे हैं. माना ये लोग परिस्थितियों को इतनी अच्छी तरह से जानते हैं और इसी के अनुसार वे खेल रहे हैं. जब वे इतने अच्छे रहे हैं तो हम कुछ अलग करने की कोशिश क्यों करेंगे? अगर हम 200 रन बनाते तो मैच जीत सकते थे. हमारा स्कोर एक विकेट पर 60 रन था.’


समझ से परे है कंगारू टीम की रणनीति


ऑस्ट्रेलिया ने अपने अंतिम नौ विकेट 52 रन जोड़कर गंवाए. भारत को 115 रन का लक्ष्य मिला जो उसने चार विकेट गंवाकर हासिल कर लिया. क्लार्क ने रविवार को पैट कमिंस के क्षेत्ररक्षकों को सजाने पर भी सवाल उठाए.


उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन नहीं है कि हमारी रणनीति के साथ क्या हुआ. हमारे पास सिर्फ 100 रन थे. एक समय में कमिंस के पास बाउंड्री पर चार खिलाड़ी थे. टेस्ट मैच में ढाई दिन बाकी थे. आप या तो भारत को सौ से कम पर आउट कर रहे हैं या आप हार रहे हैं.’


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