IND vs AUS: पिच को लेकर रोहित शर्मा की राय सबसे अलग, कह डाली ये बात
रोहित शर्मा ने भारत में स्पिनरों की मददगार पिचों की वकालत करते हुए कहा कि ऐसी पिच टीम की ताकत है और संघर्ष कर रहे बल्लेबाजों को इस पर रन बनाने का तरीका ढूंढना होगा.
नई दिल्लीः रोहित शर्मा ने भारत में स्पिनरों की मददगार पिचों की वकालत करते हुए कहा कि ऐसी पिच टीम की ताकत है और संघर्ष कर रहे बल्लेबाजों को इस पर रन बनाने का तरीका ढूंढना होगा. होल्कर स्टेडियम में तीसरे दिन के पहले सत्र में ऑस्ट्रेलिया से नौ विकेट की करारी शिकस्त झेलने के बाद रोहित ने कहा कि नौ मार्च से अहमदाबाद में अंतिम टेस्ट में टीम स्पिनरों की मददगार पिच पर खेलना चाहेगी.
रोहित ने दिया ये जवाब
रोहित ने तर्क दिया कि उनकी टीम ने ऐसी पिचों पर लगातार 15 श्रृंखला में जीत दर्ज की है. उन्होंने कहा, ‘‘ हम आमतौर पर श्रृंखला से पहले तय करते हैं कि किस तरह की पिचों पर खेलना चाहेंगे. ऐसी पिचों पर खेलना हमारा फैसला था. मुझे नहीं लगता कि हम बल्लेबाजों पर दबाव बना रहे हैं. जब हम जीतते हैं तो सब अच्छा लगता है. हमसे हमारी बल्लेबाजी के बारे में नहीं पूछा जाता.
हारने पर उठते हैं सवाल
भारतीय कप्तान ने कहा, जब हम हारते हैं तो इस बारे में बात की जाती है. हमने इस तरह की पिचों पर खेलने का फैसला किया है, और हम जानते हैं कि हमें चुनौती दी जा सकती है, लेकिन हम इसके लिए तैयार हैं. रोहित ने कहा, ईमानदारी से कहूं तो पिच को लेकर बहुत ज्यादा बात हो रही है. जब हम भारत में खेलते हैं तो ध्यान केवल पिच पर होता है. मुझे नहीं लगता कि यह आवश्यक है.
इससे पहले नागपुर और दिल्ली की पिच ने भी काफी ध्यान आकर्षित किया था. लेकिन इंदौर की पिच पर गेंद खेल की शुरूआत से ही काफी अधिक टर्न कर रही थी. दिलीप वेंगसरकर, मैथ्यू हेडन और मार्क वॉ उन पूर्व क्रिकेटरों में से है जिन्होंने कहा था कि पिच टेस्ट क्रिकेट के लिए यह अच्छा नहीं है. लगातार तीसरी बार मैच तीन दिन के अंदर खत्म हुआ.
हमें अपनी ताकत पहचाननी होगी
भारतीय कप्तान ने कहा, मुझे नहीं लगता कि पूर्व क्रिकेटरों ने इस तरह की पिचों पर खेला हैं. इस तरह की पिचों पर हम खेलना चाहते हैं. यह हमारी ताकत है. इसलिए जब आप घर में खेल रहे हों तो आप हमेशा अपनी ताकत से खेलते हैं और इस बात की चिंता नहीं करते कि लोग किस बारे में बात कर रहे हैं.रोहित ने कहा, हमारी ताकत स्पिन गेंदबाजी और बल्लेबाजी की गहराई है.
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जब हम विदेश यात्रा करते हैं तो अन्य टीमें अपनी घरेलू परिस्थितियों का लाभ उठाती है. पूर्व खिलाड़ियों ने यह भी तर्क दिया है कि टेस्ट मैचों का पांच दिनों तक नहीं चलना इस खेल के लिए अच्छा नहीं है. मैच जल्दी खत्म होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मैं इसके बारे में क्या कह सकता हूं. मैच को पंच दिनों तक चलने के लिए खिलाड़ियों को अच्छा खेलना होगा. भारत के बाहर भी मैच पांच दिनों तक नहीं चलता हैं. कल दक्षिण अफ्रीका में तीन दिनों में खेल समाप्त हो गया. यह कौशल के बारे में है. लोगों को कौशल के अनुकूल होना होगा. अगर पिच गेंदबाजों की मदद कर रही हैं, तो बल्लेबाजों को अपना कोशल दिखाना होगा.
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