नई दिल्लीः टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ सीमित ओवरों की श्रृंखला में प्रयोग करने का सिलसिला जारी रखा लेकिन टी20 श्रृंखला में दमदार प्रदर्शन करने वाले तिलक वर्मा के मध्यक्रम में दावेदार बनकर उभरने के अलावा इससे कुछ खास हासिल नहीं हुआ. एशिया कप और उसके बाद विश्व कप से पहले भारतीय टीम एकदिवसीय के लिए मध्य क्रम में विकल्प तलाश रही थी लेकिन बल्लेबाजी क्रम में चौथे स्थान के बल्लेबाज की तलाश अब भी पूरी नहीं हुई. 


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संजू सैमसन को नहीं मिला मौका
ईशान किशन, संजू सैमसन और सूर्यकुमार यादव जैसे खिलाड़ियों को खुद को साबित करने का पूरा मौका मिला. श्रृंखला की शुरुआत से पहले सैमसन और किशन को विकेटकीपर के दावेदार के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन इसके खत्म होने तक किशन ने टीम के रिजर्व सलामी बल्लेबाज के लिए अपना दावा मजबूत किया. एशिया कप में रोहित और शुभमन गिल पारी का आगाज करेंगे लेकिन किशन टीम के तीसरे सलामी बल्लेबाज हो सकते हैं. 


किशन ने खेली बड़ी पारी
रोहित की अनुपस्थिति ने किशन को तीनों मैचों में पारी का आगाज करने का मौका मिला और उन्होंने 52, 55 और 77 के स्कोर के साथ इस मौके का भरपूर फायदा उठाया. टीम से लगातार अंदर बाहर होते रहने वाले सैमसन को दबाव में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए दो पारियां (वनडे में) मिलीं और श्रृंखला के निर्णायक तीसरे एकदिवसीय मैच में 41 गेंदों में 51 रन की प्रभावशाली पारी से उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रमाण दिया. 


चौथे नंबर की गुत्थी सुलझी
रोहित ने पिछले सप्ताह देश वापसी पर कहा, देखिए बल्लेबाजी क्रम में नंबर चार स्थान पिछले लंबे समय से एक मसला बना हुआ है. युवराज सिंह के संन्यास लेने के बाद कोई भी अन्य खिलाड़ी इस नंबर पर अपना स्थान पक्का नहीं कर पाया. उन्होंने कहा,‘‘लेकिन पिछले कुछ समय से श्रेयस अय्यर नंबर चार पर बल्लेबाजी कर रहा था और उसने अच्छा प्रदर्शन भी किया . उसके आंकड़े वास्तव में शानदार हैं.


तिलक वर्मा को मिल सकता है मौका
इंडियन प्रीमियर लीग और घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले 20 साल के तिलक वर्मा को इस दौरे पर सिर्फ टी20 टीम में जगह दी गयी थी. इस खब्बू बल्लेबाज ने अपने अंतरराष्ट्रीय पदार्पण पर धैर्य और परिपक्वता से प्रभावित किया. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट अल्जारी जोसेफ जैसे तेज गेंदबाज के खिलाफ लगातार छक्के मार कर उन्होंने अपने बेखौफ होने का परिचय दिया.


उन्होंने श्रृंखला में भारतीय टीम की वापसी में अहम भूमिका निभाई . टीम को हालांकि रविवार को निर्णायक मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा. स्पिन गेंदबाजी विभाग में कुलदीप यादव ने एक बार फिर टीम के लिए खुद की अहमियत को साबित किया. बायें हाथ के कलाई के इस स्पिनर ने एकदिवसीय श्रृंखला में सात विकेट लिए जिसमें बीच के ओवरों में टीमे के लिए विकेट झटकना शामिल है. 


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