IND vs AUS 2nd Test: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही 4 मैचों की बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच दिल्ली के मैदान पर खेला जा रहा है, जहां पर कंगारू टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया है. इस मैच के लिये भारतीय टीम ने अपनी प्लेइंग 11 में एक बदलाव करते हुए सूर्यकुमार यादव की जगह सूर्यकुमार यादव को टीम में शामिल किया है तो वहीं पर कंगारू टीम ने दो बदलाव करते हुए ट्रैविस हेड को रेनशॉ की जगह मौका दिया है तो वहीं पर मैथ्यू कुह्नमैन को डेब्यू करने का मौका मिला है.


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मैदान पर उतरते ही पुजारा ने रचा इतिहास


वहीं इस मैच में भारतीय टीम के मध्यक्रम बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने मैदान पर उतरते ही इतिहास रच दिया और भारत के लिये 100 टेस्ट खेलने वाले 13वें खिलाड़ी बन गये हैं. चेतेश्वर पुजारा से पहले यह कारनामा भारत के लिये सचिन तेंदुलकर (200), राहुल द्रविड़ (163), वीवीएस लक्ष्मण (134), अनिल कुंबले (132), कपिल देव (131), सुनील गावस्कर (125), दिलीप वेंगसरकर (116), सौरव गांगुली (113), विराट कोहली (106*), इशांत शर्मा (105), हरभजन सिंह (103) और वीरेंदर सहवाग (103) भी कर चुके हैं.


मैंने खेल नहीं बल्कि खेल का तरीका बदला है


टेस्ट क्रिकेट में ये ऐतिहासिक कारनामा करने के बाद चेतेश्वर पुजारा ने कहा कि वह टेस्ट में प्रासंगिक बने रहने के लिए बल्लेबाजी में लचीलापन लाने की जरूरत को समझ चुके हैं. पिछले साल पुजारा को श्रीलंका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के दौरान भारतीय टीम से कुछ समय के लिए बाहर कर दिया गया था. तब दावा किया गया था वह अपने खेल को आगे नहीं बढ़ा पाये थे जिससे गेंदबाजों पर दबाव आ गया था. अब पुजारा ने खुलासा किया है कि उन्होंने टीम मैनेजमेंट से बात करने के बाद अपनी बल्लेबाजी में कुछ नये शॉट्स जोड़े हैं.


करियर में आई मुश्किलों पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से यह चुनौतीपूर्ण था, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आपको मानसिक रूप से मजबूत होने की जरूरत होती है, खुद पर विश्वास रखना होता है. मैं जानता हूं कि मैंने जो कुछ किया है, उसके लिये मुझे पहले पांच-सात वर्षों में किस तरह सफलता मिली. मुझे टीम मैनेजमेंट ने बताया कि मैं अपना खेल नहीं बदल सकता, लेकिन निश्चित रूप से आप अपने खेल में सुधार कर सकता हूं और अपने खेल में कुछ चीजें जोड़ सकता हूं. मैंने वही किया है जिसका फायदा मिला है.’


आक्रामक क्रिकेट को लेकर जानें क्या बोले पुजारा


गौरतलब है कि चेतेश्वर पुजारा अभी तक के अपने टेस्ट करियर में 19 शतक और 7000 से अधिक रन बना चुके हैं. धीमा खेलने के लिये मशहूर इस खिलाड़ी ने आक्रामक खेल को लेकर भी बात की और कहा कि यह एक अलग डायमेंशन है जो कि कई प्रारूप में खेलने वाले खिलाड़ियों के लिये बड़ी चुनौती है.


उन्होंने कहा, ‘हर खिलाड़ी की खेलने की शैली अलग होती है. इतने वर्षों में मैंने जो सीखा है, वो अपनी मजबूती पर अडिग बने रहना है और आपको इसका समर्थन करना चाहिए. मैंने पिछले कुछ वर्षों में अपने खेल में कुछ शॉट जोड़े हैं और एक क्रिकेटर के रूप में आगे बढ़ना जारी रखा है. ’


द्रविड़-राठौर के चलते इंग्लैंड में लगाया रनों का अंबार


इस दौरान जब उनसे  भारतीय टीम से बाहर किये जाने के बाद इंग्लिश काउंटी क्रिकेट खेलने और वहां पर ससेक्स के लिये रनों का अंबार लगाने के अनुभव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसका श्रेय हेड कोच राहुल द्रविड़ और बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर को दिया.


उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले ही राहुल भाई (द्रविड़) और विक्की पाजी (विक्रम राठौर) से बात कर ली थी. मैं हालांकि टीम से बाहर था, मुझे स्पष्ट पता था कि कुछ चीजें हैं जिन पर मुझे काम करना है और फिर भारत के लिए खेलने का मौका मिल जाएगा.  मुझे इंग्लैंड में एकमात्र टेस्ट मैच में खेलने का मौका मिला और मैं तैयार था. मैंने ससेक्स के लिए प्रथम श्रेणी मैच खेले थे और काफी रन बनाये जिससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा.’


अब खेल सकता हूं गैर-परंपरागत शॉट्स


पुजारा ने आगे बात करते हुए कहा कि इंग्लैंड में खेलने और रन बनाने से उनका आत्म-विश्वास बढ़ा है और अब वो पारंपरिक प्रारूप में कुछ अपरंपरागत शॉट खेलने के लिए तैयार हैं.


उन्होंने कहा, ‘बतौर क्रिकेटर मैं सफेद गेंद का क्रिकेट खेला. इससे मुझे सौराष्ट्र और ससेक्स की ओर से खेलने में मदद मिली जिसमें मैंने तेज गेंदबाजों के खिलाफ स्वीप शॉट्स खेलने की कोशिश की और पैडल स्कूप भी खेला. मैं इन शॉट्स को टेस्ट में लगाना चाहता था. इससे मुझे बांग्लादेश के खिलाफ पिछली श्रृंखला में भी मदद मिली है और जब हमें तेजी लानी होती तो मुझे कुछ शॉट खेलने पड़े. मैं अब थोड़ा अधिक खुले विचारों वाला बन गया हूं और बदलावों के प्रति लचीला हो गया और परिस्थितियों के अनुकूल हो जाता हूं और तकनीक में बदलाव के लिए तैयार हूं.’


जानें कैसी है दोनों टीमों की प्लेइंग 11


ऑस्ट्रेलिया (प्लेइंग इलेवन): डेविड वार्नर, उस्मान ख्वाजा, मारनस लाबुस्चगने, स्टीवन स्मिथ, ट्रैविस हेड, पीटर हैंड्सकॉम्ब, एलेक्स केरी (डब्ल्यू), पैट कमिंस (सी), टॉड मर्फी, नाथन लियोन, मैथ्यू कुह्नमैन.


भारत (प्लेइंग इलेवन): रोहित शर्मा (c), केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, रवींद्र जडेजा, श्रीकर भरत (w), अक्षर पटेल, रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज.


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