नई दिल्ली: भारत और इंग्लैंड की टीम के बीच नॉटिंघम के मैदान पर खेले गये आखिरी टी20 मैच में फैन्स को आखिरी ओवर का थ्रिलर मैच देखने को मिला. जहां पर भारतीय टीम ने सूर्यकुमार यादव की जादुई पारी के दम पर लगभग एक असंभव जीत अपने नाम कर ली थी, हालांकि 19वें ओवर में उनके आउट होने के साथ ही उसका यह सपना भी अधूरा रह गया. 215 रनों का पीछा कर रही भारतीय टीम 198 रन ही बना सकी और 17 रनों से मैच हार गई. भारतीय टीम भले ही इस मैच में हार गई हो लेकिन उसने इंग्लैंड के खिलाफ 3 मैचों की इस टी20 सीरीज को 2-1 से अपने नाम किया.


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ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में इस साल खेले जाने वाले टी20 विश्वकप की तैयारियों को लेकर यह सीरीज भारत के लिये काफी अहम साबित हुई. 2013 के बाद से अपने पहले आईसीसी खिताब को जीतने का सपना देख रही भारतीय टीम विश्वकप से पहले पूरी तैयारी के साथ पहुंचना चाहती है और इसी लिये जहां कई खिलाड़ियों को वापसी का मौका दिया गया तो वहीं पर भारतीय टीम कुछ नये खिलाड़ियों को भी मौका दे रही है. इसके बावजूद इस टी20 सीरीज में कुछ ऐसी चीजें रही जो टीम के खिताब जीतने के सपने को लेकर खतरे की घंटी बजा रही हैं.


लगातार खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं विराट कोहली


भारतीय टीम के लिये जिस चीज ने सबसे ज्यादा खतरे की घंटी बजाई है वो है पूर्व कप्तान विराट कोहली की फॉर्म. विराट कोहली पिछले 2 सालों से अपनी फॉर्म से लगातार जूझते नजर आ रहे हैं. भले ही वो 2019 से कोई शतक नहीं लगा सके हों लेकिन इसके बावजूद उनके बल्ले से कुछ अहम पारियां निकल रही थी, लेकिन इस साल उनके बल्ले से रनों का अकाल चल रहा है. वह कुछ इस तरीके से आउट होते नजर आ रहे हैं जिसकी उम्मीद शायद खुद कोहली को भी नही है. ऐसे में साफ नजर आ रहा है कि कमी उनकी तकनीक में नही है बल्कि वो इस खराब दौर के मानसिक दबाव से गुजर रहे हैं.


शुरुआत को भुनाने में नाकाम रहे हैं रोहित शर्मा 


भारतीय टीम के लिये कोहली कितने अहम खिलाड़ी हैं यह बताने की जरूरत नहीं है, ऐसे में अगर टॉप ऑर्डर में उनके बल्ले से रन नहीं निकलते हैं तो भारतीय टीम को विश्वकप में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. सिर्फ कोहली ही नहीं कप्तान रोहित शर्मा की बल्लेबाजी भी सवालों के घेरे में बनी हुई है. रोहित शर्मा लगातार अच्छी शुरुआत तो कर रहे हैं लेकिन पावरप्ले में या उसके तुरंत बाद ही अपना विकेट गंवाकर उसे बड़ी पारी में बदल पाने में नाकाम नजर आ रहे हैं. ऐसे में अगर आपकी टीम के दो बेहतरीन बैटर्स के बल्ले से रन नहीं आयेंगे तो आपकी जीत किस्मत के हाथों में ही नजर आती है.


भारत के पास नहीं है पेस अटैक का दूसरा विकल्प


भारतीय टीम के लिये विश्वकप से पहले तीसरी चिंता की बड़ी खबर उसके बेंच स्ट्रेंथ में अच्छे तेज गेंदबाजों की कमी है. भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह को छोड़ दिया जाये तो कोई भी अन्य तेज गेंदबाज वो छाप छोड़ने में नाकाम रहा है जिसकी आपको विश्वकप जैसे बड़े खिताब जीतने के लिये दरकार होती है.


यहां पर आप हर्षल पटेल, मोहम्मद शमी और आवेश खान जैसे नामों के साथ यह चर्चा जरूर कर सकते हैं कि वो भी अच्छे विकल्प हैं लेकिन सच्चाई तो यही है कि जितने किफायती और घातक भारत के दो प्रमुख गेंदबाज हैं ये अन्य नाम उसके आस-पास भी नहीं है. टी20 विश्वकप एक बड़ा टूर्नामेंट है ऐसे में खिलाड़ियों के चोटिल होने की संभावना ज्यादा होती है. इसे देखते हुए भारतीय टीम मैनेजमेंट को अपनी दूसरी स्ट्रिंग की गेंदबाजी को भी मजबूत करने की दरकार है.


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