नहीं रहे फैन्स की डिमांड पर छक्के मारने वाले भारतीय क्रिकेटर, 88 की उम्र में हुआ निधन
Indian All rounder Passes Away: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी सलीम दुर्रानी का 88 की उम्र में निधन हो गया है. वो गुजरात के जामनगर में अपने भाई जहांगीर दुर्रानी के साथ रहा करते थे. इस साल जनवरी में दुर्रानी अपने थाई बोन को तोड़ने के बाद प्रोक्सिमल फेमरल नेल सर्जरी से गुजरे थे.
Indian All rounder Passes Away: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी सलीम दुर्रानी का 88 की उम्र में निधन हो गया है. वो गुजरात के जामनगर में अपने भाई जहांगीर दुर्रानी के साथ रहा करते थे. इस साल जनवरी में दुर्रानी अपने थाई बोन को तोड़ने के बाद प्रोक्सिमल फेमरल नेल सर्जरी से गुजरे थे. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे लेकिन रविवार की सुबह उनका अपने घर पर ही निधन हो गया था.
जानें कैसा था दुर्रानी का करियर
दुर्रानी की बात करें तो इस बायें हाथ के बल्लेबाज ने 29 टेस्ट मैच खेलकर 1202 रन बनाये तो वहीं पर बायें हाथ की गेंदबाजी करते हुए 75 विकेट अपने नाम किये हैं. दुर्रानी को सबसे ज्यादा उनके उस जादुई स्पेल के लिये किया जाता है जो उन्होंने 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ डाला था और भारत को पहले टेस्ट मैच में जीत दिलाई थी. इस टेस्ट मैच को सुनील गावस्कर के डेब्यू के लिए भी याद किया जाता है.
करियर की इन यादगार जीत में दिया था खास योगदान
पोर्ट ऑफ स्पेन में खेले गये इस मैच में भारत को 7 विकेट से जीत दिलाने का काम किया था जिसमें दुर्रानी ने महज कुछ ही गेंदों में क्लाइव लॉयड और गैरी सॉबर्स का विकेट अपने नाम किया और दोनों को बिना खाता खोले वापस पवेलियन भेज दिया था. दुर्रानी ने उस मैच में 17 ओवर्स के स्पेल में महज 17 रन दिये थे.
इतना ही नहीं दुर्रानी ने इस टेस्ट मैच के एक दशक पहले इंग्लैंड के खिलाफ 1961-62 में खेले गये टेस्ट मैच में भी भारत को यादगार जीत दिलाई थी. दुर्रानी ने इस सीरीज में कोलकाता टेस्ट के दौरान 8 विकेट तो वहीं पर चेन्नई टेस्ट मैच में 10 विकेट अपने नाम किये थे. वो सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले गेंदबाज बने थे जिन्होंने 9 पारियों में 23 विकेट अपने नाम किये थे जो कि उनके करियर की महज दूसरी ही सीरीज थी.
फैन्स की डिमांड पर लगाते थे छक्के
दुर्रानी की बात करें तो उनका जन्म 1934 में काबुल में हुआ था और उन्होंने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के तरीके से फैन्स के बीच अपनी खास पहचान बनाई थी जिसके तहत वो दर्शकों की मांग पर छक्के लगाते हैं. दुर्रानी ने 1962 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन में अपना पहला टेस्ट शतक लगाया था और अपना आखिरी टेस्ट मैच 1973 में इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई के ब्रॉबोर्न स्टेडियम में खेला था.
दुर्रानी ने ब्रॉबोर्न के मैदान पर ही 1960 में अपना डेब्यू किया था और अपने करियर में 25.04 की औसत से रन बटोरे. उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 33 . 37 की औसत से 8545 रन बनाये जिसमें 14 शतक शामिल थे. किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की बखिया उधेड़ने में माहिर दुर्रानी अर्जुन पुरस्कार पाने वाले पहले क्रिकेटर थे. घरेलू क्रिकेट में उन्होंने गुजरात , राजस्थान और सौराष्ट्र के लिये खेला.
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