IPL ने खोले किस्मत के ताले, टेंपो ड्राइवर का बेटा बना करोड़पति
IPL में कभी-कभी बड़े से बड़े खिलाड़ी को कोई खरीदार नहीं मिलता है तो कभी अनजान खिलाड़ियों पर पैसों की बारिश हो जाती है और वो देखते ही देखते स्टार बन जाते हैं.
नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग आज दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय टी20 लीग है. इसमें खेलना दुनिया के हर खिलाड़ी का सपना होता है. ऐसे में खिलाड़ियों को आईपीएल नीलामी का बेसब्री से इंतजार होता है जहां खिलाड़ियों को अर्श से फर्श और फर्श से अर्श पर पहुंचते देर नहीं लगती है. कभी-कभी बड़े से बड़े खिलाड़ी को कोई खरीदार नहीं मिलता है तो कभी अनजान खिलाड़ियों पर पैसों की बारिश हो जाती है और वो देखते ही देखते स्टार बन जाते हैं.
ऐसा ही एक बार फिर गुरुवार को हुई आईपीएल 2021 के लिए हुई नीलामी में देखने को मिला. नीलामी में 22 साल के बांए हाथ के तेज गेंदबाज चेतन सकारिया को राजस्थान रॉयल्स ने अपनी टीम में 1.2 करोड़ रुपये खर्च करके शामिल किया है. चेतन का बेस प्राइज 20 लाख रुपये था. ऐसे में उन्हें अपने बेस प्राइज की 6 गुना कीमत हासिल हुई है.
सौराष्ट्र से खेलते हैं चेतन सकारिया
हाल ही में संपन्न हुई सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में चेतन ने सौराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया था और टूर्नामेंट में खेले 5 मैच में 12 विकेट लेकर सबको प्रभावित किया था. ऐसे में नीलामी से पहले ही अपनी-अपनी टीम में सकारिया को शामिल करने की प्लानिंग सभी टीमें कर रही थीं और अंत में बाजी राजस्थान रॉयल्स के हाथ लगी. जहां सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट पहले से हैं.
चेतन सकारिया की पारिवारिक पृष्ठभूमि बेहद कमजोर रही है. उनके पिता गुजरात के भावनगर के करीब स्थित छोटे से कस्बे वर्तेज में टेंपो चलाते थे. उनकी कमाई से ही परिवार का खर्च चलता था. पांच साल पहले तक सकारिया के घर पर टीवी नहीं था वो मैच देखने के लिए किसी दोस्त के घर जाते या टीवी शो रूम के बाहर खड़े होकर मैच देखते थे.
एक महीने पहले भाई ने की आत्महत्या
चेतन जिस वक्त सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में सौराष्ट्र की ओर से खेल रहे थे. उसी दौरान उनके छोटे भाई ने आत्महत्या कर ली. अपने भाई से बेहद लगाव रखने वाले चेतन को घर वालों ने उस दौरान इस दुखद घटना की जानकारी भी नहीं दी थी. जब तक वो टूर्नामेंट खेलकर घर वापस नहीं लौटे तब तक उनसे ये बात परिवार ने छिपाकर रखी. ताकि इस घटना का उनके प्रदर्शन पर असर ना पड़े. परिवार वालों से वो जब भी भाई के बारे में पूछते तो वो उससे झूट बोल देते थे कि वो घर से बाहर गया है. अगर आज भाई होता तो मुझसे ज्यादा खुश होता.
सौराष्ट्र के लिए खेलना शुरू करते ही पिता को टेंपो चलाने से रोका
चेतन के पिता कभी नहीं चाहते थे कि वो क्रिकेटर बने. लेकिन उनके चाचा ने उनका क्रिकेटर बनने में सहयोग किया. जब सकारिया को सौराष्ट्र की टीम में जगह मिली और वो टीम के लिए नियमित तौर पर खेलने लगे तो उन्होंने पिता को टेंपो चलाने से रोक दिया.
यूएई में आरसीबी के लिए की थी नेट्स पर गेंदबाजी
साल 2020 में यूएई में आईपीएल के दौरान सकारिया आरसीबी के साथ नेट बॉलर के रूप में जुड़े थे. ऐसे में आरसीबी ने सकारिया को अपने साथ जोड़ने की नीलामी के दौरान कोशिश की लेकिन वो ऐसा नहीं कर सके.
अच्छा घर खरीदने की है ख्वाहिश
सकारिया राजकोट में रहना चाहते थे लेकिन वहां घर खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. ऐसे में आईपीएल नीलामी में करोड़पति बनने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता अच्छा घर खरीदने की होगी.
रणजी ट्रॉफी में पहली बार कमाया था नाम
सकारिया ने सौराष्ट्र को पहली बार आईपीएल खिताब दिलाने में अहम भूमिका अदा की थी. साल 2018 मे रणजी डेब्यू करने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. सौराष्ट्र के लिए वो अबतक 15 प्रथम श्रेणी, 1 लिस्ट और और 16 टी20 मैच खेल चुके हैं. प्रथमश्रेणी में उन्होंने 34.07 की औसत से 41 विकेट लिए हैं. नहीं 16 टी20 में उन्होंने 15.10 की औसत और 7.08 की शानदार इकोनॉमी के साथ 28 विकेट अपने नाम किए हैं. टी20 में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 11 रन देकर 5 विकेट रहा है. ये प्रदर्शन उन्होंने जनवरी 2021 में विदर्भ के खिलाफ इंदौर में किया था.
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