Jai veeru of Indian Cricket Team Yuvraj Singh MS Dhoni: भारतीय क्रिकेट टीम को 2 बार खिताब जिताने वाले खिलाड़ियों में शुमार पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह के बीच भले ही अब खटास की खबरें आती हों लेकिन एक समय ऐसा भी था जब इन्हें भारतीय क्रिकेट का जय वीरू माना जाता था. दोनों के बीच की दोस्ती न सिर्फ मैदान के अंदर बल्कि मैदान के बाहर भी देखने को मिलती थी. 2011 विश्वकप फाइनल मैच में धोनी ने भले ही मैच जिताऊ पारी खेली लेकिन दूसरे छोर पर खड़े युवराज सिंह ने पूरे टूर्नामेंट में अपनी टीम को आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाई.


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दोनों के बीच की दोस्ती का आगाज धोनी के भारतीय टीम में डेब्यू के साथ ही हुआ था लेकिन 2007 वो साल था जिसने दुनिया भर में इन दोनों की दोस्ती की गहराई के बारे में बताया था. हम साउथ अफ्रीका में खेले गये टी20 विश्वकप की बात नहीं कर रहे हैं जहां पर इन दोनों दिग्गजों ने भारत को पहला खिताब जिताया था बल्कि हम उससे पहले बांग्लादेश के साथ खेली गई वनडे सीरीज की बात कर रहे हैं, जिसमें भारतीय टीम विश्वकप की हार का बदला लेने पहुंची थी.


2007 विश्वकप की हार का बदला लेने पहुंचा था भारत


2007 में खेले गये वनडे विश्वकप में भारतीय टीम को बांग्लादेश की टीम ने लीग स्टेज पर हराकर सुपर 8 में पहुंचने नहीं दिया था. जिसके बाद भारतीय टीम मई में बांग्लादेश के दौरे पर पहुंची जिसे भारतीय टीम ने 2-0 से अपने नाम किया था. सीरीज का पहला मैच ढाका के शेर ए बांग्ला मैदान पर खेला गया जिसमें बांग्लादेश की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 250 रन का स्कोर खड़ा किया.


धोनी के पैरों में आ गई थी चोट


जवाब में भारतीय टीम की शुरुआत कुछ खास नहीं रही और उसने रनों का पीछा करते हुए महज 144 रन के स्कोर पर अपने 5 विकेट खो दिये थे. बांग्लादेशी गेंदबाजों के सामने भारतीय बैटर्स पहले ही मुश्किल में नजर आ रहे थे लेकिन बल्लेबाजी कर रहे महेंद्र सिंह धोनी (नाबाद 91) ने दिनेश कार्तिक (नाबाद 58) के साथ भारत की उम्मीदें जिंदा रखी हुई थी. हालांकि इस मैच के दौरान धोनी अपना पैर चोटिल कर बैठे और रन लेने में नाकाम होने की वजह से ऐसा लग रहा था कि शायद भारत की आखिरी उम्मीद भी खत्म होने वाली है. इस दौर में आईसीसी की ओर से रनर लेने का प्रावधान था, जिस नियम का पालन करते हुए धोनी ने रनर की मांग की.


धोनी का रनर बन युवराज ने जिताया था मैच


बांग्लादेश के खिलाफ खेले गये इस मैच में युवराज सिंह सिर्फ एक रन बनाकर वापस पवेलियन लौटे थे, लेकिन जब धोनी के रनर की बात आई तो युवराज सिंह ने पैड पहने और तुरंत मैदान पर आ गये. युवराज सिंह ने धोनी के रनर के रूप में जबरदस्त दौड़ लगाई और माही का विकेट बचाने के लिये कई बार डाइव लगाई. धोनी और युवी की इस जुगलबंदी के चलते भारत ने इस मैच को एक ओवर पहले ही 5 विकेट से जीत लिया और विश्व क्रिकेट को भारतीय टीम के नये जय-वीरू मिल गये.


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