नई दिल्लीः आज 28 मार्च है. आज का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास की लिहाज से काफी खास है. क्योंकि आज ही के दिन 28 मार्च 2000 को भारतीय पूर्व कप्तान कपिल देव का टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड टूटा था. 


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वैसे तो क्रिकेट के खेल में रिकॉर्ड का टूटना और बनना एक आम बात है. खेल के हर मैच में, हर गेंद पर एक न एक नए रिकॉर्ड बनते रहते हैं और टूटते भी रहते हैं, लेकिन कपिल देव का यह रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक अलग ही स्थान रखता है. 


कर्टनी वाल्श ने तोड़ा था कपिल देव का रिकॉर्ड 
बात 28 मार्च साल 2000 की है, जब वेस्टइंडीज और जिम्बाब्वे की टीम सबीना पार्क में एक-दूसरे के सामने थीं. दोनों टीमों के बीच टेस्ट मैच खेला जा रहा था. इसी मैच में वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज कर्टनी वाल्श ने कपिल देव के टेस्ट क्रिकेट में 434 विकेट का रिकॉर्ड तोड़ा था. 


एक विकेट चटकाकर कर्टनी वाल्श ने पूरे किए 435 विकेट 
इस मैच में कर्टनी वाल्श ने जैसे ही एक विकेट चटकाया वह उस समय दुनिया में गेंदबाजी के क्षेत्र में टेस्ट क्रिकेट का बेताज बादशाह बन गए. इस मुकाबले में कर्टनी वाल्श ने एक विकेट चटकाने के बाद अपने टेस्ट क्रिकेट का 435वां विकेट पूरा कर लिया और कपिल देव के इस विशाल को तार-तार कर दिया. 


साल 2005 में संन्यास का किया ऐलान
कर्टनी वाल्श ने साल 2005 में अपने क्रिकेट करियर से संन्यास का ऐलान कर दिया. अपने संन्यास से पहले कर्टनी वाल्श टेस्ट क्रिकेट में 519 विकेट का विशाल पहाड़ खड़ा कर गए. 


भारत और श्रीलंका के खिलाफ रिकॉर्ड
वहीं, कपिल देव ने आठ फरवरी साल 1994 को भारत और श्रीलंका के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच में अपना 432वां विकेट चटकाकर टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड हासिल किया था. इस दौरान कपिल देव ने न्यूजीलैंड के रिचर्ड हैडली को इस मामले में पीछे छोड़ा था. 


मोटेरा स्टेडियम में हासिल किया था रिकॉर्ड
जिस मैच में कपिल देव ने यह वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किया था, वह मैच अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में खेला गया था. ऐसे में कहा जाता है कि जैसे ही कपिल देव ने अपना 432वां विकेट पूरा किया था, वैसे ही इस स्टेडियम से 432 गुब्बारों को आसमान में छोड़ा गया था. इतना ही नहीं कपिल देव के इस रिकॉर्ड को दूरदर्शन ने बेहद खास तरीके से सेलिब्रेट किया था. 


दूरदर्शन ने विशेष तरीके से किया सेलिब्रेट
इस मौके पर दूरदर्शन ने अपना ब्रॉडकास्ट रोककर एक छोटा सा गाना- 'हकीकत है ये ख्वाब नहीं, कपिल देव त्वाड्डा जवाब नहीं' चलाया था. पूरा देश कपिल के इस उपलब्धि में डूबा हुआ था. इस मैच में भारत को 17 रन से जीत भी हासिल हुई थी, लेकिन कपिल के इस उपलब्धि के आगे भारत की यह जीत भी छोटी पड़ गई थी. 


जानें कैसा रहा कपिल देव का क्रिकेट करियर
कपिल देव इस टेस्ट मैच के बाद सिर्फ एक टेस्ट मैच खेल पाए और इसके बाद उन्होंने अपने टेस्ट करियर को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. बात अगर कपिल देव के टेस्ट करियर की करें तो उन्होंने अपने संन्यास तक कुल 131 टेस्ट मैच खेला. इनमें उनके नाम 434 विकेट चटकाने का रिकॉर्ड दर्ज है. वहीं, 225 वनडे मैचों में 253 विकेट चटकाने का रिकॉर्ड का दर्ज है.


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