नीरज चोपड़ाः जूनियर वर्ल्ड चैंपियन से ओलंपिक विजेता बनने तक कुछ ऐसा रहा सफर
Neeraj Chopra Gold Medal: नीरज चोपड़ा अलग अलग प्रतियोगिताओं में पदक जीतते रहे हैं. उन्होंने सबसे पहले 2012 में एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था
नई दिल्लीः Neeraj Chopra Gold Medal: 7 अगस्त 2021 की इस खूबसूरत तारीख को अब शायद ही कोई भूल पाए. यह वह दिन है, जब एक भारतीय भाले ने 87.58 दूर गिरकर सीधे गोल्ड पर निशाना लगा दिया. वह जमीन जहां यह भाला गिरा वह टोक्यो की है, और जिन हाथों में यह भाला था वह नीरज चोपड़ा के थे और जिन आंखों से खुशी के आंसू बहे वह सभी भारतीय थे.
किसी ने कहा है, खेल वह क्रिया है जो हर बंटे हुए खांचे को मिटाकर एक कर देती है. नीरच चोपड़ा ने आज यही किया है. टोक्यो ओलपिंक में जैवलिन थ्रो इवेंट जीतकर नीरज ने इतिहास रच दिया. नीरज चोपड़ा सेना में अधिकारी हैं और उन्होंने पहली बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया. चोपड़ा ने केवल 23 साल की उम्र में यह कारनामा किया है.
2012 से जीत रहे हैं मेडल
नीरज चोपड़ा अलग अलग प्रतियोगिताओं में पदक जीतते रहे हैं. उन्होंने सबसे पहले 2012 में एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था. 2015 में चीन में हुई एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा 9वें स्थान पर रहे थे लेकिन, 2016 में ही उन्होंने कमाल कर दिया. साउथ एशियन गेम्स में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडल जीतने के बाद उन्होंने एशियन जूनियर चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया.
एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता गोल्ड
2016 में ही नीरज चोपड़ा ने IAAF अंडर-20 वर्ल्ड चैंम्पियनशिप में 86.48 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड जीता था. 86.48 मीटर दूर जेवलिन थ्रो (भाला फेंक) कर नीरज ने अंडर-20 स्तर पर नया रिकॉर्ड भी बनाया था.
इसके बाद उन्होंने 2018 के एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था. हालांकि, 2018 का सीजन खत्म होने से पहले हुई IAAF डायमंड लीग में वो पोडियम फिनिश नहीं कर सके. अब नीरज के नाम एक और ऐतिहासिक उपलब्धि जुड़ गई है. नीरज ने 13 साल बाद टोक्यो ओलंपिक में भारत को इकलौता स्वर्ण पदक दिलाया.
क्वालीफिकेशन राउंड में ही रख दी थी गोल्ड की नींव
टोक्यो ओलंपिक में नीरज ने क्वालीफिकेशन में जिस तरह का प्रदर्शन किया और वह ग्रुप ए में पहले स्थान पर रहे थे, उसके बाद उनसे सोना लाने की संभावना बढ़ गई है.
23 वर्षीय नीरज ने ओलंपिक स्टेडियम में, ग्रुप ए क्वालीफिकेशन राउंड के अपने पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर का थ्रो फेंक 83.50 मीटर के ऑटोमेटिक क्वालीफाइंग अंक को हासिल किया था तथा फाइनल में पदक के प्रबल दावेदार के रूप में उभरे. नीरज ने जर्मनी के जोहानेस वेटेर को पीछे छोड़ा था जो स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे.
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