On This Day: क्रिकेट इतिहास में पाकिस्तान की ये कलंक गाथा कभी नहीं भूलेगी दुनिया
जिस तरह 1972 में म्यूनिख ओलंपिक के दौरान खेल गांव में इजरायली एथलीट्स के ऊपर हुए आतंकी हमले को खेल इतिहास के सबसे काले दिन के रूप में याद किया जाता है. ऐसी ही एक घटना पाकिस्तान में 3 मार्च 2009 को हुई थी.
नई दिल्ली: पाकिस्तान के खिलाड़ी और उसकी सरकार अपने कलंकित कारनामों के लिए दुनियाभर में कुख्यात है. पाकिस्तान ने हमेशा आतंकवाद को अपने लिए एक ढाल की तरह इस्तेमाल किया. 3 मार्च का दिन क्रिकेट इतिहास में हमेशा पाकिस्तान की काली करतूत के लिए याद किया जाता है. जिस तरह 1972 में म्यूनिख ओलंपिक के दौरान खेल गांव में इजरायली एथलीट्स के ऊपर हुए आतंकी हमले को खेल इतिहास के सबसे काले दिन के रूप में याद किया जाता है. ऐसी ही एक घटना पाकिस्तान में 3 मार्च 2009 को हुई थी.
3 मार्च 2009 को हुआ था श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमला
लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम के निकट श्रीलंकाई क्रिकेट टीम की बस पर हुए आतंकी हमले में टीम के कई दिग्गज खिलाड़ी घायल हो गए थे. आतंकवादियों ने गद्दाफी स्टेडियम में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन के खेल से ठीक पहले स्टेडियम जा रही श्रीलंकाई टीम की बस पर अचानक हमला बोल दिया. इस आतंकी हमले में टीम के कप्तान महेला जयवर्धने, उपकप्तान कुमार संगकारा और स्पिनर अजंथा मेंडिस सहित पांच क्रिकेट खिलाड़ी घायल हुए थे. थिलान समरवीरा और थरंगा परावित्राना गंभीर रुप से घायल हुए थे.
हमले में कुल 8 लोगों की हुई थी मौत
घटना के दौरान छह सुरक्षा कर्मी और दो आम लोगों ने जान गंवाई थी. हमले से टीम को बचाए जाने के बाद दौरा तत्काल रद्द कर दिया गया और श्रीलंकाई टीम के सभी खिलाड़ियों को हैलीकॉप्टर के जरिए स्टेडियम से सीधे एयरपोर्ट ले जाया गया जहां से चार्टर्ड प्लेन के जरिए टीम तत्काल कोलंबो रवाना हो गई.
जहां पहुंचते ही गंभीर रूप से घायल थिलान समरवीरा और थरंगा परावित्राना को सीधे अस्पताल ले जाया गया. पाकिस्तान में इससे पहले कई बार आतंकी घटनाएं घटी थीं लेकिन पहली बार किसी क्रिकेट टीम को निशाना बनाया गया था.
बस ड्राइवर की हिम्मत ने बचाई खिलाड़ियों की जान
अगर उस दिन अगर श्रीलंका की टीम बस के ड्राइवर मोहम्मद खलील ने सूझ-बूझ दिखाते हुए बस को नहीं रोका और जोखिम उठाते हुए भारी गोला-बारी के बीच चलाकर स्टेडियम तक पहुंचाया. आतंकवादियों ने तो बस पर रॉकेट लांचर से भी हमला किया था लेकिन खिलाड़ी की किस्मत ने साथ दिया और आतंकवादियों का वो निशाना चूक गया.
श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने स्टेडियम पहुंचने के बाद खलील को एक खिलाड़ी ने श्रीलंका चलने को कहा था लेकिन उसने जाने से इनकार कर दिया था. इस बहादुरी के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति ने उसे सम्मानित भी किया था.
श्रीलंका की मुठ्ठी में था लाहौर टेस्ट
गद्दाफी स्टेडियम में खेले जा रहे सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था. बल्लेबाजी के लिए मददगार पिच पर दो दिन के खेल में मेहमान टीम मेजबानों पर भारी पड़ती दिख रही था. श्रीलंका ने अपनी पहली पारी में समरवीरा के दोहरे शतक और संगकारा-दिलशान के शतक की शतकीय पारियों की बदौलत 606 रन बनाए थे. इसके जवाब में दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक पाकिस्तान ने 1 विकेट पर 110 रन बना लिए थे.
13 साल बाद कोई बड़ी टीम कर रही पाक का दौरा
पाकिस्तान में साल 2009 के बाद किसी बड़ी टीम ने साल 2019 तक दौरा नहीं किया था. श्रीलंकाई टीम के 2019 में हुए दौरे का साथ बड़ी टीमों के पाकिस्तान दौरा करने की शुरुआत हुई थी. पिछले साल न्यूजीलैंड की टीम ने अचानक आतंकी हमले के डर से दौरा रद्द कर दिया था. 4 मार्च से ऑस्ट्रेलियाई टीम पाकिस्तान में टेस्ट सीरीज खेलने जा रही है. ऐसी पहली बार है जब कोई दिग्गज टीम पाक दौरे पर गई है. 3 मार्च को हमले की बरसी के एक दिन बाद 4 मार्च से पाकिस्तान ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट खेला जा रहा है.
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